उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में कांवड़ यात्रा के दौरान हुए लाठीचार्ज के मामले में पुलिस प्रशासन बैकफुट पर आती नजर आ रही है। दरअसल, कांवड़ियों पर लाठी बरसाने का बाद से सोमवार तक उन सभी पर रिपोर्ट दर्ज कराने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब प्रशासन का बयान बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।
इधर, सोमवार को जनप्रतिनिधियों ने भी सर्किट हाउस में अफसरों के साथ समन्वय बैठक की। इसमें महिलाओं पर लाठीचार्ज पर सवाल उठाए। जिसके बाद फैसला लिया गया कि किसी भी कांवरिये पर कर्रवाई नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं इस प्रकरण में वन मंत्री से लेकर मेयर तक ने एडीजी से मिलकर लाठीचार्ज मामले में पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जताई। उसके बाद सर्किट हाउस में नए एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान से शिष्टाचार बैठक के दौरान यही मुद्दा छाया रहा। कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने कहा कि योगी सरकार कांवड़ियों पर फूल बरसा रही है। आपकी पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों करवा दिया ?
वहीं इस घटना को लेकर विधायक जी ने कहा कि ऐसा कौन सा अपराध हो गया था जो महिलाओं पर भी पुरुष पुलिसकर्मियों ने लाठियां चलाईं। कांवड़ियों को सम्मान से गंगाजल लेने जाने व जलाभिषेक की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन की थी। फिर ये चूक क्यों हुई? मेयर उमेश गौतम ने एसएसपी को बताया कि पिछले सप्ताह बवाल के बाद सात दिन तक इलाके में पीस कमेटी की बैठक नहीं हुई। पुलिस को पता था कि अगले सप्ताह फिर कांवड़ यात्रा निकाली जानी है।