कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि जातिगत गणना को लेकर सरकार का निर्णय राहुल गांधी के दबाव का नतीजा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश ने देख लिया है कि जब कांग्रेस और नेता प्रतिपक्ष कोई फैसला ठान लेते हैं तो केंद्र सरकार को झुकना पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत गणना वैज्ञानिक, विस्तृत और पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए, जैसा कि तेलंगाना में किया गया। पायलट ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से बातचीत में कहा, “जातिगत गणना को सतही ढंग से नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस महासचिव ने कहा, राहुल गांधी लंबे समय से इस (जातिगत गणना) मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन भाजपा और सरकार इसका विरोध यह कहते हुए करती रही कि यह देश के हित में नहीं है और इससे देश का बंटवारा होगा। राहुल गांधी और कांग्रेस के दबाव के कारण अचानक सरकार ने यह फैसला ले लिया।
उन्होंने कहा कि पूरा देश गवाह है कि जब कांग्रेस और राहुल गांधी कुछ ठान लेते हैं, तो सरकार को वह करना ही पड़ता है। उन्होंने कहा, “जो लोग पहले राहुल जी का विरोध कर रहे थे, अब उन्हें भी समझ में आ गया है कि लोकतंत्र की ताकत सर्वोपरि होती है।”
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हेडलाइन देने के मास्टर हैं, लेकिन डेडलाइन नहीं देते और उन्होंने सरकार के जातिगत गणना के फैसले को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई की मांगों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया।
केंद्र सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि आगामी जनगणना में जाति संबंधी आंकड़े भी एकत्र किए जाएंगे। यह आज़ादी के बाद पहली बार होगा जब जनगणना में जाति का विवरण शामिल किया जाएगा।