कांग्रेस ने शनिवार को मोदी सरकार पर राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता की बहाली में देरी करने का आरोप लगाया है। बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में स्थानीय अदालत द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा पर रोक लगा दी थी।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और महासचिव इस मुद्दे पर देरी करने की रणनीति अपना रहे हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा रहा है। इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि उन्हें एक बार फिर संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि, जितनी तेज़ी से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया गया था उसी तेजी से उन्हें दोबारा बहाल किया जाना चाहिए। इस सिलसिले में मैंने कल रात अध्यक्ष को फोन किया था। स्पीकर ने उनसे अगले दिन मिलने का सुझाव दिया। उनके सुझाव के अनुसार, जब मैंने आज सुबह उन्हें एक बार फिर फोन किया। तो स्पीकर ने मुझे महासचिव से बात करने और दस्तावेज़ उनके कार्यालय में जमा करने के लिए कहा।
अधीर रंजन ने कहा कि, मैंने महासचिव को फोन किया जिन्होंने कहा कि उनका कार्यालय आज बंद है और मुझे अध्यक्ष को पत्र सौंपने के लिए कहा… मैंने पत्र डाक से भेज दिया। उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर तो किए लेकिन मोहर नहीं लगाई। जब उन्हें न्यायालय द्वारा राहत दी गई है, हम अध्यक्ष से अनुरोध कर रहे हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि उन्हें वापस आने में कोई समस्या न हो।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, मैं किसी भी तरह का संदेह नहीं पाल रहा हूं। मैंने आपको केवल राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल करने के लिए हमारी ओर से किए गए प्रयासों के बारे में बताया है। वह (राहुल गांधी) एक निर्वाचित व्यक्तित्व हैं और जब संसद का सत्र चल रहा है और जब संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही हो तो उसमें वह शामिल होने के हकदार हैं…कल भी हमने कहा था कि उनकी अयोग्यता के दौरान जो गति अपनाई गई थी वह अब तक (बहाल करने में) नहीं दिखाई दे रही है।