कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में जाने की अटकलों के बीच पार्टी महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए पार्टी विधायकों के साथ अहम चर्चा के वास्ते मंगलवार को भोपाल पहुंचेगे।
यह यात्रा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के भविष्य के कदमों पर तीव्र अटकलों की पृष्ठभूमि में हो रही है, जो इस समय दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में उनके सहयोगियों ने बार-बार आश्वासन दिया कि कमलनाथ की पार्टी छोड़ने और सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने की कोई योजना नहीं है।
दूसरी तरफ, कमलनाथ ने भी इन अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास किया और अपने करीबी नेता सज्जन सिंह वर्मा के माध्यम से यह संदेश दिया कि वह पार्टी छोड़कर नहीं जा रहे हैं तथा उनके पुत्र नकुलनाथ एक बार फिर से छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री (77) की शुरू में खुद मीडिया को संबोधित करने की योजना थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने सहयोगी एवं मध्य प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री साजन सिंह वर्मा के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से संवाद करने का विकल्प चुना।
मंगलवार को अपने भोपाल दौरे से पहले, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी सिंह ने कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों को “गलत सूचना” बताकर खारिज कर दिया और कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राज्य में राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होंगे।
सोमवार को दिल्ली में सिंह ने दावा किया कि कमलनाथ को लेकर जो अटकलें और दुष्प्रचार हैं, वे सब भाजपा का किया धरा है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कमलनाथ जी हमारे बहुत ही वरिष्ठ नेता हैं। जो भी अटकलें हैं, ये सब भाजपा और मीडिया के एक हिस्से द्वारा फैलाया गया दुष्प्रचार है।’’
सिंह के अनुसार, ‘‘कमलनाथ जी से मेरी कल (रविवार) भी बात हुई, परसों (शनिवार) भी बात हुई थी। उनसे चर्चा हुई कि यात्रा में किस तरह से तैयारियां करनी हैं। कल (मंगलवार को) मैं भोपाल जा रहा हूं, सांसद, विधायकों और नेताओं के साथ बैठक होगी। बैठक में कमलनाथ जी भी शामिल होंगे। उनके सुझाव के हिसाब से यात्रा चलेगी…कमलनाथ जी यात्रा में प्रमुख रूप से भाग लेंगे।’’
उन्होंने कमलनाथ या उनके पुत्र नकुलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलों से संबंधित सवाल पर कहा, ‘‘ये सारी अफवाहें हैं। भाजपा का सबसे बड़ा काम यही है कि वह गलत सूचना और दुष्प्रचार फैलाती है।’’
सिंह ने कहा कि कमलनाथ यात्रा की तैयारियों में भाग ले रहे हैं।
उनका यह भी कहना था कि नकुलनाथ भी यात्रा का हिस्सा बनेंगे।
यह यात्रा मार्च महीने की शुरुआत में मध्य प्रदेश में दाखिल होगी। हालांकि सिंह के दौरे का उद्देश्य पार्टी के 66 विधायकों से बात करना और जमीनी स्थिति का आकलन करना है। एआईसीसी ने आधिकारिक तौर पर कहा कि उनका दौरा भारत जोड़ो न्याय यात्रा के संबंध में बैठकों से संबंधित है।
कमलनाथ के वफादार माने जाने वाले एक कांग्रेस विधायक ने आगामी बैठक के एजेंडे के बारे में अनिश्चितता व्यक्त की और पीटीआई-भाषा को बताया कि उन्हें बैठक के वास्ते भोपाल आने के लिए फोन आया था। विधायक ने कहा, “लेकिन मुझे इसके एजेंडे के बारे में नहीं बताया गया।”
मध्य प्रदेश में राजनीतिक परिदृश्य तनावपूर्ण बना हुआ है क्योंकि पार्टी के भीतर कमलनाथ के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस को राज्य में नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।
अपने व्यापक राजनीतिक अनुभव और गांधी परिवार के साथ घनिष्ठ संबंधों के बावजूद, विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद से पूर्व केंद्रीय मंत्री की स्थिति अनिश्चित रही है।
उधर, कमलनाथ के करीबी नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कमलनाथ के पार्टी छोड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे तथा उनके पुत्र नकुलनाथ कांग्रेस के टिकट पर अपने वर्तमान निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ेंगे।
कमलनाथ के दिल्ली स्थित आवास पर उनसे मुलाकात के बाद वर्मा ने कहा कि उनकी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के साथ विस्तृत चर्चा हुई और कमलनाथ ने उन्हें बताया कि वह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ की मध्य प्रदेश में सफलता सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही भोपाल में एक बैठक करेंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (कमलनाथ ने) मुझसे कहा कि मैं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी प्रभारियों को बुलाऊंगा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करूंगा। मैंने उन्हें लेकर मीडिया की अटकलों के बारे में पूछा जिस पर उन्होंने कहा कि मैं क्यों एक काल्पनिक प्रश्न का उत्तर दूं।’’
गत शनिवार को मध्य प्रदेश से दिल्ली पहुंचे कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा था कि वे अति उत्साहित न हों और अगर कुछ होगा तो वह खुद जानकारी देंगे।
पिछले कुछ दिनों से कमलनाथ और नकुलनाथ के कांग्रेस छोड़ने को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। इन अटकलों को शनिवार को उस वक्त बल मिला जब नकुलनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने परिचय से ‘कांग्रेस’ हटा दिया।
मध्य प्रदेश में सभी की निगाहें कांग्रेस खेमे के भीतर के घटनाक्रम पर हैं क्योंकि वे आंतरिक चुनौतियों और बाहरी दबावों से जूझ रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ को शामिल करके कोई जुआ नहीं खेलना चाहती है क्योंकि इससे पार्टी को सिख संगठनों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है, जिन्होंने उन पर 1984 में दिल्ली में सिख विरोधी दंगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
यहां तक कि मप्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने भी खुलेआम कमलनाथ पर सिख विरोधी दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग चार दशक पहले हुए दंगों में शामिल होने के आरोपों को बार-बार खारिज किया है।