कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद दानिश अली ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। दानिश अली ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मोहित के परिवार से मुलाकात पर भी प्रतिक्रिया जाहिर की और प्रदेश में हो रहे एनकाउंटर को फर्जी करार दिया।

पुलिस हिरासत में मृत व्यापारी मोहित पांडेय की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जब पुलिस  का राजनीतिक दुरुपयोग किया जाएगा, तो ऐसी घटनाएं सामने आती रहेंगी। उन्होंने फर्जी एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं तब होती हैं जब सरकार द्वारा पुलिस को शाबाशी दी जाती है।
दानिश अली ने कहा कि मोहित पांडेय की मौत के 24 घंटे बाद तक पुलिस और प्रशासन दोनों ही इनकार के मोड में थे, लेकिन अब जो स्थिति है, वह उत्तर प्रदेश पुलिस व्यवस्था को पूरी तरह से दूषित कर चुकी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले कुछ वर्षों में पुलिस के प्रति सरकार की रवैये ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
साल 2025 में होने वाली जनगणना को लेकर उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना का क्लॉज भी उसमें शामिल किया जाए। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि डीलिमिटेशन कब होगा, यदि यह जनगणना 2025 में लागू होती है तो डीलिमिटेशन 2026 के बाद होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जो महिला आरक्षण का बिल पास हुआ है, वह किस आधार पर लागू होगा।
उन्होंने ने लेफ्ट नेता जयराजन की किताब को लेकर भी टिप्पणी की, जिसमें मुस्लिमों में कट्टरता के बढ़ने का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने शायद उस किताब को पढ़ा है और उसकी समीक्षा भी की है।

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