कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार करने संबंधी खबरों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि अगर कार्यकर्ता बोलेंगे, तो वह भी चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, उन्होंने 83 वर्ष की आयु होने का जिक्र करते हुए इस बात का संकेत दिया कि संभवत: वह चुनाव नहीं लड़ें।
यह पूछे जाने पर कि सोनिया गांधी, वह और कई अन्य वरिष्ठ नेता चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, तो इस पर खरगे ने कहा, ‘‘ नहीं, ये गलत है कि हम (चुनाव लड़ने से) पीछे हट रहे हैं। मेरी उम्र 83 साल है, आपको (पत्रकार) तो 65 में सेवानिवृत्त कर देते हैं। मैं 83 साल का हूं…अगर आप मौका दिए….सब (कार्यकर्ता) बोलेंगे, तो जरूर लडूंगा।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एक सीट पर टिकट के 10 दावेदार हैं।
इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘आदिवासी संकल्प’ की गारंटी के माध्यम से आदिवासियों के अधिकारों तथा उनके ‘जल, जंगल, जमीन’ की रक्षा करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि मोदी सरकार में वन सरंक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है और वन क्षेत्र को मित्र पूंजीपतियों को दिया जा रहा है। खरगे का कहना था, “हम आदिवासियों के ‘जल जंगल जमीन’ की रक्षा करने की पूरी कोशिश करेंगे और इसे कानून के तहत करेंगे।”
खरगे ने कहा, “वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया जाएगा, एक स्पेशल बजट रखा जाएगा और विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी।” उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में किए गए सभी संशोधनों को कांग्रेस वापस लेगी, जिनसे आदिवासियों को बड़े पैमाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।