चित्तूर जिले के नारायणपुरम में कर्ज न चुकाने को लेकर हुए विवाद में ग्रामीणों ने एक महिला को कथित तौर पर पेड़ से बांध सार्वजनिक तौर पर प्रताड़ित किया। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।  थिम्मारायप्पा की पत्नी सिरीशा (29) सोमवार को अपने बच्चों के स्कूल से स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) लेने के लिए बेंगलुरु से आई थी, तभी स्थानीय लोगों ने उसके पति द्वारा उधार लिए गए पैसों के बारे में उससे सवाल किया।

कुप्पम के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बी. पार्थसारथी ने ‘न्यूज एजेंसी’ को बताया कि स्थानीय लोगों ने सिरीशा को कथित तौर पर पेड़ से बांध दिया और पैसे चुकाने के लिए उसके पति को बुलाने को कहा, तभी उसकी बेटी ने एक स्थानीय व्यक्ति पर हमला कर दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

पुलिस के अनुसार, दंपति पर मुनिकनप्पा नामक एक ग्रामीण का लगभग 80 हजार रुपये और स्थानीय संगठनों का कुछ धन बकाया था।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115, 126 और 112 के साथ धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने घटना के संबंध में पांच लोगों को हिरासत में लिया।


सिरीशा ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने कथित तौर पर उसे छह महीने पहले छोड़ दिया था, हालांकि जांचकर्ताओं को संदेह है कि वे अब भी वित्तीय मामलों को लेकर संपर्क में हो सकते हैं।

इस बीच, कुप्पम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। नायडू ने जिला पुलिस अधीक्षक से विस्तृत जानकारी ली और अधिकारियों को पीड़ित परिवार को पूरी सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।नायडू ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘कुप्पम मंडल के नारायणपुरम गांव में एक महिला के साथ अमानवीय व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि महिला को कथित तौर पर एक पेड़ से बांध दिया गया था और अपमानित किया गया था क्योंकि उसका पति थिम्मारायप्पा ग्रामीणों से लिए गए ऋण को चुका नहीं पाया था।

नायडू ने पुलिस को गांवों में कानूनी जागरूकता अभियान आयोजित करने का निर्देश दिया और कहा कि जनता को कानून पर भरोसा करना चाहिए और खुद न्याय देने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार ‘ऐसी घटनाएं नहीं होने देगी’। उन्होंने पुलिस से सभी क्षेत्रों में कड़े एहतियाती उपाय करने का आग्रह किया।

इस बीच, युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और कुप्पम प्रभारी केआरजे भरत ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘शर्मनाक कृत्य’ करार दिया।

उन्होंने कहा कि कुप्पम में ऐसी क्रूरता तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली सरकार के शासन में अराजकता को उजागर करती है।

आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति (एपीसीसी) अध्यक्ष वाई. एस. शर्मिला रेड्डी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘एक महिला होने के नाते मैं इस क्रूर घटना की कड़ी निंदा करती हूं।’’ उन्होंने कहा कि इस घटना से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भी ‘महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।’

उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं पर हमले उस पर एक धब्बा हैं और तेलुगु महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे खोखले हैं।

इस बीच, मंत्री अनीता और तेदेपा एमएलसी के. श्रीकांत ने सिरीशा पर हमले की निंदा की।

उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए पीड़िता से संपर्क किया, उसे सांत्वना दी और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा करते हुए सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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