ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य के पारादीप बंदरगाह पर बर्थ किराया शुल्क का भुगतान नहीं करने के संबंध में एक विदेशी मालवाहक जहाज ‘जब्त’ करने का आदेश दिया है।

नौवहन कानून के तहत, किसी जहाज के स्वामित्व, निर्माण, कब्जे, प्रबंधन, संचालन या व्यापार से जुड़े समुद्री दावों के कार्यान्वयन के तहत किसी जहाज को जब्त किया जा सकता है।

पनामा में पंजीकृत जहाज ‘एम वी डेबी’ एक अन्य मामले के सिलसिले में लगभग तीन महीने से बंदरगाह पर खड़ा है।

माना जाता है कि पिछले साल एक दिसंबर को पोत से 220 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के कोकीन से भरे कई पैकेट जब्त किए गए थे, इस संबंध में एनडीपीएस अधिनियम और सीमा शुल्क अधिनियम के तहत स्थानीय अधिकारी जांच कर रहे हैं।

पारादीप इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (पीआईसीटीपीएल) ने जहाज के खिलाफ दावे से जुड़ा मुकदमा दायर किया है और जहाज को जब्त करने का आदेश देने के लिए पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

पीआईसीटीपीएल ने मालवाहक जहाज पर 7.95 करोड़ रुपये का नौवहन दावा किया है, जिसमें बर्थ (जिस जगह जहाज खड़ा है) किराया शुल्क, दंड शुल्क, कानूनी लागत और अन्य शामिल हैं।

न्यायमूर्ति वी. नरसिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने कहा कि पीआईसीटीपीएल प्रथम दृष्टया यह स्थापित करने में सफल रहा है कि जब तक मालवाहक जहाज को जब्त नहीं किया जाता, तब तक मुकदमा निरर्थक होगा।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख सात मार्च तय की है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights