प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 जून को मंत्रिपरिषद की बैठक करेंगे। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों पर भारत द्वारा हमला किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर हाल के दशकों में भारत के सबसे बड़े सैन्य अभियानों में से एक ऑपरेशन सिंदूर पर बैठक में प्रस्तुति दे सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की सुबह शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ढांचों को नष्ट करना था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।

पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई इसी ऑपरेशन के तहत की गई। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने तब से जोर देकर कहा है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक “नई लाल रेखा” खींच दी है और ऑपरेशन सिंदूर ने सीमा पार आतंकवाद सहित आतंकवाद के प्रति भारत की प्रतिक्रिया में एक नई सामान्य स्थापित की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को दो टूक कहा कि भारत अब आतंकवादियों के जरिए ‘‘छद्म युद्ध’’ कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी भी दी कि अब उन्हें (आतंकवादियों को) घर में घुसकर मारा जाएगा और अगर उधर से गोली चली तो जवाब गोले से दिया जाएगा। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। और सेना का यह अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। इसने देसी हथियारों और मेक इन इंडिया की ताकत दुनिया को दिखा दी है।” नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद की तुलना सांप से करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर ‘‘उसने दोबारा फन उठाया तो उसे उसके बिल से बाहर खींचकर कुचल दिया जाएगा।’’ मोदी ने काराकाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के ‘‘तरकश का मात्र एक तीर है।’’ 

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