बरेली। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश (ओसीडीयूपी) ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का कड़ा विरोध किया है और इसे तुरंत प्रतिबंधित करने की मांग की है। संस्था ने चेतावनी दी है कि अगर इस पर शीघ्र रोक नहीं लगाई गई तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। ओसीडीयूपी और ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने संयुक्त बयान जारी करते हुए ऑनलाइन दवा बिक्री को मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। ओसीडीयूपी के मंडल महामंत्री मनोज कुमार खंडूजा की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित एक ड्रग एजेंसी पर बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया और ऑनलाइन दवा बिक्री के खिलाफ रणनीति तैयार की।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनोज खंडूजा ने कहा, “कोरोना महामारी के दौरान आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को अस्थायी रूप से अनुमति दी गई थी। लेकिन अब यह व्यवस्था न केवल अनियमित हो गई है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और फार्मेसी व्यवसाय पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हम विरोध प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।”
बैठक में डीबीसीए के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, रितेश गुप्ता, संजीव बंसल, और सुबोध गुप्ता समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने भी ऑनलाइन दवाओं की बिक्री को अवैध करार देते हुए इसे तुरंत बंद करने की मांग की।
संस्था ने सभी जिलों में अपने सदस्यों को आंदोलन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगाने के लिए सख्त नियम लागू करने की मांग होगी।
संस्था का तर्क है कि ऑनलाइन दवा बिक्री से मरीजों को गलत या नकली दवाओं का खतरा है। साथ ही, स्थानीय फार्मेसियों को भी इससे भारी नुकसान हो रहा है। यदि इस पर शीघ्र प्रतिबंध नहीं लगाया गया, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है।

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