गुजरात के गांधीनगर में शुक्रवार को सेमीकॉन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल, हम सभी ने सेमीकॉनिक इंडिया के पहले एडिशन में भाग लिया था। उस समय इस पर चर्चा हो रही थी कि भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश क्यों करें? जब हम एक साल बाद अब मिल रहे हैं, तो सवाल बदल चुका है। अब कहा जा रहा है कि निवेश क्यों न करें? सवाल ही नहीं हवा का रुख भी बदल चुका है।
पीएम ने आगे कहा कि यह बदलाव आप और आपके प्रयासों से आया है। आप जुड़े हैं, आपका भविष्य भारत की आकांक्षाओं से जुड़ा है। आपने अपने सपनों को भारत की क्षमता से जोड़ा है और भारत कभी किसी को निराश नहीं करता है।
पीएम ने कहा कि जब हम कहते हैं कि मेक इन इंडिया, तो उसमें ये बात भी शामिल है कि आइए मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड। आज भारत पर निवेशकों को भरोसा है, क्योंकि यहां स्टेबल, रिस्पॉन्सिबल एंड रिफॉर्म-ओरिएंटेड सरकार है। भारत उद्योग जगत को भरोसा है, क्योंकि आज हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज विकास हो रहा है। भारत की डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी, भारत से मिलने वाला डिवाइडेड आपके बिजनेस को भी डबल-ट्रिपल करने वाला है।
#WATCH | At SemiconIndia Conference 2023, PM Narendra Modi says, “Today, the world is becoming a witness to Industry 4.0. Whenever the world has undergone any industrial revolution, its foundation has been the aspirations of the people of any region. This was the relation between… pic.twitter.com/cCeLLHwIGb
— ANI (@ANI) July 28, 2023
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम भारत के डिजिटल क्षेत्र और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं। कुछ साल पहले भारत इस क्षेत्र में एक उभरता हुआ खिलाड़ी था और आज, वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में हमारी हिस्सेदारी कई गुना बढ़ गई है।” 2014 में, भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 30 बिलियन डॉलर से भी कम था। आज, यह 100 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। केवल दो सालों में, भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात दोगुना हो गया है। भारत में निर्मित मोबाइल फोन का निर्यात दोगुना हो गया है। जो देश कभी था मोबाइल फोन का एक आयातक अब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मोबाइल फोन का निर्माण कर रहा है और उन्हें निर्यात कर रहा है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज दुनिया इंडस्ट्री 4.0 की गवाह बन रही है। जब भी दुनिया में कोई औद्योगिक क्रांति आई है, उसकी नींव किसी भी क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाएं रही हैं। पहले की औद्योगिक क्रांतियां और अमेरिकी सपना। आज, मैं चौथी औद्योगिक क्रांति और भारतीय आकांक्षाओं के बीच वही संबंध देख सकता हूं।”