डीजल जनरेटर के संचालन पर अब 1 जनवरी 2024 से प्रतिबंध लगाया जाएगा। पहले ये प्रतिबंध 1 अक्टूबर से लागू होना था। लेकिन सरकार ने अब इसमें 3 महीने की छूट दी है। एनसीआर के जिलों गाजियाबाद नोएडा, मेरठ, हापुड, बुलंदशहर और बागपत में सरकार की इस छूट से व्यापारियों और आवासीय सोसाइटियों में रहने वालों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले 31 अक्तूबर से एनसीआर में डीजल जनरेटर सेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध जारी किया था। लेकिन अब आपातकालीन सेवाओं एवं आवासीय सोसाइटियों में इसके इस्तेमाल के लिए संचालकों को 31 दिसंबर तक प्रदूषण नियंत्रण की शर्तों के साथ चलाने की अनुमति होगी।
पर्यटन मंत्रालय ने पूरे एनसीआर जिलों में एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक सभी क्षमता श्रेणियों के डीजल जनरेटर (डीजी) सेट चलाने की अनुमति दी है। प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के कार्यान्वयन से पहले यह अनुमति एक बार फिर अपवाद के रूप में दी है। यह निर्णय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने लिया है।
आयोग ने 15 मई से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए डीजी सेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद आयोग ने 31 अक्तूबर से एनसीआर में डीजी सेट पर पूरी तरह से कड़ा प्रतिबंध जारी किया था। अब आपातकालीन सेवाओं एवं आवासीय सोसाइटियों में इस्तेमाल किए जा रहे डीजी सेट के संचालकों को इस अवधि में प्रदूषण नियंत्रण की शर्तों के साथ इसे चलाने की अनुमति होगी। वायु गुणवत्ता आयोग ने कहा है कि अगले साल एक जनवरी से रिट्रोफिट और विशेष तौर पर वायु प्रदूषण को कम करने वाले डीजी सेट ही चल सकेंगे। हर साल दिल्ली समेत समूचे एनसीआर को अक्तूबर से दिसंबर तक वायु प्रदूषण की मार झेलनी पड़ती है। उसका एक बड़ा कारण डीजी सेट भी हैं।
आयोग ने स्पष्ट कहा है कि यह डीजल जनरेटर सेट विभिन्न आवासीय एवं वाणिज्यिक इमारतों, लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रैवलेटर, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा, चिकित्सीय सेवाओं, अस्पताल, नर्सिंग होम, दवाओं के निर्माण में शामिल इकाइयों,जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों और रेलवे सेवाओं, ट्रेनों और स्टेशनों समेत मेट्रो रेल और एमटीआरएस सेवाओं, अंतर राज्य बस टर्मिनल (आईएसबीटी)और हवाई अड्डे के अलावा पानी साफ करने के संयंत्र, पंपिंग स्टेशन, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, दूरसंचार एवं आईटी डेटा सेवाओं और अन्य आपातकालीन सेवाओं में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल की छूट होगी।

वायु गुणवत्ता आयोग ने यह छूट के आवश्यक सेवाओं, ऊंची इमारत में रहने वाले लोगों के कड़े आक्रोश को देखते हुए लिया है। कई आवासीय कल्याण संगठन (आरडब्ल्यूए) आयोग के प्रतिबंधों का कड़ा विरोध कर रही थीं। विभिन्न आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस आदेश को लागू करने से पहले राज्यों को बिजली की 24 घंटा सातों दिन आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा एनसीआर में एकमात्र पीएनजी प्रदाता इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) को पूरे एनसीआर में नेटवर्क बढ़ाने की मांग की गई थी।

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