लोकसभा ने बहुचर्चित ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक शुक्रवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी – JPC) को भेज दिया।

देश में संसदीय और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक पर विचार के लिए संसद ने शुक्रवार को 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन कर दिया। लोकसभा सचिवालय ने बताया कि जेपीसी की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पी पी चौधरी करेंगे।

राज्यसभा में इस समिति के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दिए जाने के साथ ही 39 सदस्यीय समिति का गठन हो गया।

इस प्रकार, समिति के 39 सदस्यों में भाजपा के 16, कांग्रेस के पांच, सपा, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, आप, बीजद और वाईएसआरसीपी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।

इससे पहले, कानून मंत्री अजरुन राम मेघवाल ने निचले सदन में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।  इन विधेयकों पर विचार के लिए बनी संयुक्त समिति में लोकसभा से 27 सदस्यों को नामित किया गया है।

इसके बाद, उच्च सदन में मेघवाल ने राज्यसभा के 12 सदस्यों को इस समिति में शामिल करने का प्रस्ताव रखा। उच्च सदन से इस समिति में भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कालिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजयंिसह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है।

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