प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए गरिमा व आर्थिक सुरक्षासुनिश्चित करती है तथा यह उनके कल्याण एवं सुरक्षित भविष्य के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सेवा में शामिल होने वाले 23 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनिश्चित रूप से वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिए जाने को मंजूरी देने के बाद यह टिप्पणी की।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली एक अप्रैल, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है। यह पेंशन योजना, एनपीएस से पहले के कर्मचारियों के लिए लागू परिभाषित लाभ के बजाय योगदान के आधार पर लाभ देती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है। यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

मंत्रिमंडल के फैसलों की घोषणा करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी अब सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में पाने के हकदार होंगे।

उन्होंने कहा कि पेंशन के रूप में वेतन का 50 प्रतिशत पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि न्यूनतम 10 साल तक की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक रूप से पेंशन दी जाएगी। एनपीएस खाताधारक अब यूपीएस का विकल्प चुन सकते हैं, जो अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से सुनिश्चित पेंशन देगी।

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