महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे) और भाजपा के बीच सियासी गहमागहमी बढ़ गई है, और अब भाजपा सरकार बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। भाजपा विधायक दल की बैठक 4 दिसंबर को विधान भवन के सेंट्रल हॉल में होने जा रही है, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगने की संभावना है। भाजपा नेताओं ने फिलहाल नए मुख्यमंत्री के नाम पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन जानकारी के अनुसार देवेंद्र फडणवीस के नाम पर ऐलान हो सकता है।

भाजपा की विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पर्यवेक्षक बनाया गया है। दोनों नेता 4 दिसंबर को मुंबई पहुंचेंगे और विधायक दल की बैठक में भाग लेंगे। बैठक के बाद, भाजपा राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और फिर 5 दिसंबर को शाम 5 बजे आजाद मैदान में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी संभावना है, जो महाराष्ट्र में भाजपा की नई सरकार को समर्थन देने के लिए यहां उपस्थित हो सकते हैं।

इससे पहले, शिवसेना (शिंदे) के नेता एकनाथ शिंदे, जिनकी अगुवाई वाली शिवसेना ने पिछले कुछ महीनों में भाजपा के साथ गठबंधन किया था, ने सोमवार को अपनी सभी महत्वपूर्ण बैठकों को रद्द कर दिया। शिंदे के गांव लौटने के बाद, चर्चा थी कि सोमवार को शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस के बीच सरकार बनाने के फॉर्मूले पर अंतिम मुहर लग सकती है, लेकिन शिंदे ने अचानक अपनी सभी बैठकें रद्द कर दीं। इसके बाद, उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि शिंदे अभी भी बुखार से तप रहे हैं। हालांकि, कुछ राजनीतिक जानकार इसे शिंदे की “प्रेशर पॉलिटिक्स” मान रहे हैं, जो संभवतः भाजपा पर दबाव बनाने के लिए किया गया हो सकता है।

नई सरकार के गठन को लेकर एनसीपी प्रमुख अजित पवार सोमवार को दिल्ली पहुंचे। पवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। उन्हें महाराष्ट्र सरकार में वित्तमंत्री बनाए जाने की संभावना है। हालांकि, देवेंद्र फडणवीस जो पहले अजित पवार के साथ दिल्ली जाने वाले थे, ने अचानक अपना दौरा रद्द कर दिया। अब वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल होंगे।अजित पवार और भाजपा नेताओं के बीच सरकार गठन पर विचार विमर्श जारी है, और इस मीटिंग में पवार को महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।

महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय तेज़ी से घटनाक्रम बदल रहे हैं। एक ओर जहां शिंदे अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा और उनके सहयोगी दल सरकार बनाने की दिशा में अंतिम निर्णय लेने की कोशिश कर रहे हैं। इस पूरे मामले में शिंदे की तबियत, भाजपा का निर्णय और अजित पवार की दिल्ली यात्रा, इन सभी घटनाओं ने राज्य की राजनीति में एक नई करवट ले ली है। अब 4 और 5 दिसंबर को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक और शपथ ग्रहण समारोह पर सबकी निगाहें टिकी हैं, जो महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करेगा।

 

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