उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को कानूनी नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस ब्रजेश पाठक के अधिवक्ता और यूपी बार काउंसिल के सदस्य प्रशांत सिंह अटल द्वारा जारी किया गया है। नोटिस की प्रति सपा के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के मीडिया सेल को भी भेजी गई है।
नोटिस में उल्लेख किया गया है कि 17 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर ब्रजेश पाठक को लेकर की गई टिप्पणी में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, जिससे न केवल उप मुख्यमंत्री बल्कि उनके परिजन भी आहत हुए हैं। इस पोस्ट से उनकी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को गंभीर ठेस पहुंची है।
15 दिन में माफी नहीं तो मानहानि का मुकदमाअधिवक्ता प्रशांत सिंह अटल ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि यदि अखिलेश यादव 15 दिनों के भीतर:संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को हटवाते नहीं हैं,
सार्वजनिक माफी नहीं मांगते,पोस्ट के लिए जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करते,और हुई प्रतिष्ठा हानि के लिए मुआवजा नहीं देते,तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया जाएगा।
‘परिवारवादी समाजवाद’ बन गया ‘लठैतवाद’: केशव मौर्यवहीं इस विवाद पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सपा पर हमला तेज कर दिया है। उन्होंने कहा कि, “परिवारवादी समाजवाद अब पूरी तरह से लठैतवाद में तब्दील हो चुका है।” उन्होंने रविवार को दिए बयान में समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली और राजनीतिक भाषा पर कड़ा प्रहार किया।
यह मामला प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ लाने वाला माना जा रहा है, जिसमें एक ओर राजनीतिक मर्यादा की बात हो रही है, तो दूसरी ओर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की तीव्रता भी नजर आ रही है।