उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए (CCPA) ने अमेजन इंडिया और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट सहित विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी कर उन्हें अपने मंच से पाकिस्तानी झंडे वाले उत्पाद हटाने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूबाय इंडिया, एट्सी, द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉरपोरेशन को भी नोटिस भेजकर कहा कि पाकिस्तानी झंडों और संबंधित सामान की बिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जोशी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

ई-कॉमर्स मंचों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसी सभी सामग्री को तुरंत हटा दें और राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें। हालांकि, मंत्री के पोस्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इस सामान को बेचकर कौन से कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के बाद इसी महीने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष हुआ था।

सिने वर्कर्स एसो. ने भी की तुर्किये के बहिष्कार की घोषणा

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) ने बुधवार को भारतीय कलाकारों और निर्माताओं से अपील की कि वे तुर्किये के पाकिस्तान समर्थक रुख के मद्देनजर शूटिंग स्थल के रूप में इसका बहिष्कार करें। 

बाद में ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (एआईसीडब्ल्यूए) ने भी फिल्म शूटिंग और अन्य सांस्कृतिक सहयोग के लिए तुर्किये का पूर्ण बहिष्कार करने की घोषणा की। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब तुर्किये ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर भारत के हमले की आलोचना की है। 

पाकिस्तान को समर्थन देने के बाद पूरे भारत में तुर्किये के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है तथा ईजमाईट्रिप और इक्सिगो जैसे ‘ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफार्म’ ने तुर्की की यात्रा न करने की सलाह जारी की है।

एफडब्ल्यूआईसीई ने एक बयान में कहा, एफडब्ल्यूआईसीई (जो भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में 36 प्रकार के श्रमिकों, तकनीशियनों और कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है) सभी भारतीय फिल्म निर्माताओं से आग्रह करती है कि वे भारत के राष्ट्रीय हितों से संबंधित मामलों में पाकिस्तान के प्रति बढते समर्थन के मद्देनजर तुर्किये को शूटिंग स्थल के रूप में चुनने पर पुनर्विचार करें।

जेएनयू ने तुर्किये की इनोनू यूनिवर्सिटी से तोड़ा करार

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू – JNU) ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय (Inonu University) के साथ एमओयू को स्थगित कर दिया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। एमओयू पर तीन फरवरी को तीन साल की अवधि के लिए हस्ताक्षर किए गए थे। 

जेएनयू के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हमने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया है। समझौते के तहत, संकाय और छात्र आदान-प्रदान समेत अन्य कार्यक्रमों की योजना थी।

तुर्किये के मालट्या स्थित इनोनू विश्वविद्यालय ने अंतर-सांस्कृतिक अनुसंधान और छात्र सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत जेएनयू के साथ शैक्षणिक साझेदारी की थी।  

एमओयू को स्थगित करने का फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में लिया गया है। चार दिन तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत-पाकिस्तान ने 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी। 

तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने तथा वहां आतंकवादी शिविरों पर भारत के हालिया हमलों की निंदा करने के कारण भारत के तुर्किये के साथ व्यापारिक संबंधों में तनाव आने की आशंका है। पाकिस्तान को तुर्किये के समर्थन के बाद, पूरे देश में तुर्किये के सामान और पर्यटन का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights