कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर जेडीयू सांसद संजय झा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि दरभंगा में जहां राहुल गांधी ने इजाजत मांगी थी, प्रशासन ने इजाजत नहीं दी, क्योंकि क्या कभी हॉस्टल में कोई राजनीतिक बैठक होती है? लेकिन जब बाद में उनकी पार्टी ने टाउन हॉल में इजाजत मांगी, तो उन्हें इजाजत दे दी गई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को किसी गरीब छात्र या पिछड़ों की परवाह नहीं है। वो सिर्फ वहां राजनीति करने गए थे, क्योंकि इस साल बिहार में चुनाव हैं। 

जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष झा ने कहा कि जब आरजेडी-कांग्रेस एक साथ सरकार में थे, तो उन दलितों, पिछड़ों को पंचायत में भी आरक्षण नहीं था। नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद आरक्षण दिया जा रहा है। जहां तक ​​जाति जनगणना की बात है, तो नीतीश कुमार इस देश के एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण कराया और उसका डेटा जारी किया. जब हम (जेडीयू) भारत गठबंधन में थे, तब भी हमने बार-बार प्रस्ताव रखा, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पुलिस ने बृहस्पतिवार को दरभंगा में आंबेडकर छात्रावास जाते समय रोक लिया। राहुल का छात्रावास में छात्रों से बातचीत का कार्यक्रम था। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जब आंबेडकर छात्रावास के बाहर पहुंचे तो उनके काफिले को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उन्हें पार्टी के ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम के तहत छात्रों से बातचीत करनी थी। यह एक राज्यव्यापी जनसंपर्क कार्यक्रम है। 

राहुल गांधी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की वंचित आबादी के डर से जातिगत गणना कराने पर सहमत हुए हैं। रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मेरी कार को (मिथिला विश्वविद्यालय के) गेट पर रोक दिया गया। लेकिन मैंने हार नहीं मानी। मैं बाहर निकला और एक घुमावदार रास्ते से पैदल यहां आ गया।’’ उन्होंने बिहार में जन संपर्क कार्यक्रम शिक्षा न्याय संवाद की शुरुआत की। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

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