शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चुनावी रण का मोर्चा खोलते हुए कहा कि “राम मंदिर का काम खत्म हो गया है, पीएम को अब काम की बात करनी चाहिए।”
ठाकरे ने कहा कि उन्होंने और उनकी पार्टी ने पिछले दो संसद चुनावों में मोदी के लिए जोरदार प्रचार किया था और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने हिंदुत्व को लेकर भाजपा के साथ गठबंधन किया था।
ठाकरे ने एक पार्टी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “उस समय हम बेईमान नहीं थे, अब अचानक हमें भ्रष्ट करार दिया गया है, इसलिए किशोरी पेडनेकर, राजन साल्वी, सूरज चव्हाण, रवींद्र वायकर, अनिल परब जैसे मेरी पार्टी के कई नेता आरोपों का सामना कर रहे हैं, संजय राउत को झूठे आरोपों में जेल भी भेजा गया था। केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा हमें परेशान किया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है।”
भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अपने भाषण में अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंदगिरिजी महाराज द्वारा मोदी और छत्रपति शिवाजी महाराज के बीच समानताएं बताने पर आपत्ति जताते हुए ठाकरे ने कहा कि “दोनों में कोई तुलना नहीं हो सकती।”
ठाकरे ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज और बाला साहेब ठाकरे के कारण ही मंदिर का मुद्दा सामने आया। बाला साहेब ठाकरे के कारण ही महाराष्ट्र और देश कई मौकों पर दुश्मनों, आतंकी हमलों और दंगों से बचा रहा, जब मेरे शिवसैनिकों ने पुलिस की लाठियां और गोलियां खाईं, लेकिन आज कुछ अंधभक्त ऐसी बातें कह रहे हैं। अब हम भाजपा के साथ पहले किए गठबंधन को लेकर पछता रहे हैं।”
मंगलवार को बालासाहेब ठाकरे की 98वीं जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा, “भगवान राम किसी नेता या किसी पार्टी की निजी संपत्ति नहीं हैं, बल्कि भाजपा ने भगवान राम का अपहरण करने की भी कोशिश की है। अब समय आ गया है कि भगवान राम को भाजपा के चंगुल से मुक्त कराया जाए।”
ठाकरे ने अपना हमला तेज करते हुए कहा कि भाजपा पूछती रहती है कि “कांग्रेस ने 75 वर्षों में क्या किया”, लेकिन अब उन्हें जवाब देना होगा कि “मोदी ने 10 वर्षों में क्या किया है” उन्होंने पीएम को सलाह दी कि वह सिर्फ ‘जय श्रीराम’ का नारा न लगाएं, बल्कि भगवान राम के आदर्शों पर भी चलें।”
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, तो उस समय न तो आरएसएस और न ही जनसंघ वहां थे और वे स्वतंत्रता संग्राम में भी शामिल नहीं हुए। जनसंघ ने 1960 के दशक में संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन को भी विफल करने का प्रयास किया।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में जांच का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि केवल बीएमसी में ही जांच क्यों कर रही है? ठाणे, पुणे, नागपुर और अन्य नगर निकायों में जांच क्यों नहीं रही है?
उन्होंने 8,000 करोड़ रुपये के एम्बुलेंस घोटाले जैसे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा ने पीएम केयर फंड से देश में सभी बड़े घोटालों की शुरुआत की।
ठाकरे ने गरजते हुए कहा, “पीएम केयर फंड की जांच होनी चाहिए कि सारा पैसा कहां गया, कोई ब्योरा क्यों नहीं दिया गया, जब हम सत्ता में आएंगे तो इन सभी चीजों की जांच कराएंगे और जो भी दोषी हैं उन्हें सलाखों के पीछे डालेंगे।”
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना पर निशाना साधते हुए, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने चेतावनी दी कि “हम तब तक आराम नहीं करेंगे, जब तक हम राज्य में अगले चुनावों में सभी गद्दारों को हरा नहीं देते।”
जून 2022 में मूल शिवसेना से अलग हुए शिंदे पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, “वे कहते हैं कि मैं एक वंशवादी पार्टी चला रहा हूं, हां… लेकिन मुझे अपने शिवसैनिकों सहित सब कुछ विरासत में मिला है। मैंने आपकी तरह कुछ भी चुराया नहीं है।”
हाल ही में मिलिंद एम. देवड़ा के कांग्रेस छोड़कर शिंदे की शिवसेना में शामिल होने का जिक्र करते हुए बिना नाम लिए उन्होंने भाजपा और शिवसेना पर “अन्य दलों के नेताओं को दूर ले जाने” की आलोचना की, क्योंकि उनकी अपनी पार्टियों में कोई आदर्श नहीं है और भाजपा पर विरोधियों के साथ ब्रिटिशकाल की ‘फूट डालो और राज करो’ की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया।
ठाकरे ने अपनी पत्नी रश्मि और बेटे आदित्य के साथ शीर्ष नेताओं और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में नासिक के तीर्थस्थल से अपनी पार्टी के 2024 के चुनाव अभियान की शुरुआत की। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए जुलूस और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया।