उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार काम कर रही है और इस दिशा में बड़े कदम उठा रही है। प्रदेश में जिला स्तर और ब्लॉक स्तर पर भी योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार ने ऐसे कदम उठाए हैं जिसकी वजह से खिलाड़ियों को काफी मदद मिल रही है।
योगी सरकार की पहल का असर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के मंच पर दिख भी रहा है। पहली बार देश के खिलाड़ियों ने एशियाई खेल में बड़ा चमत्कार करके दिखाया है और 100 से अधिक मेडल अफने नाम किए हैं।
इसमे उत्तर प्रदेश के 25 फीसदी से अधिक मेडल हैं। यही नहीं पैरा एशियाई खेलों में भी देश के खिलाड़ियों ने पदकों का ढेर लगाकर देश का नाम ऊंचा किया है।
मुख्यमंत्री खुद व्यक्तिगत स्तर पर खेल को बढ़ावा दे रहे हैं, उन्होंने कहा कि जब देश इस दिशा में आगे बढ़ रहा है तो उत्तर प्रदेश कैसे पीछे रह सकता है। देश की 16 फीसदी आबादी उत्तर प्रदेश में बसती है लिहाजा उत्तर प्रदेश खेल में पीछे नहीं रह सकता है।
योगी आदित्यनाथ सरकार खिलाड़ियों को हर तरह का सहयोग दे रही है। 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलो इंडिया अभियान, सांसद खेल स्पर्था, फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की गई, जिसने देश के हर गांव में खेल को आगे बढ़ावा दिया, जिसमे उत्तर प्रदेश ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
योगी आदित्यनाथ की सरकार की अगुवाई में प्रदेश में दो अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बने हैं। इसके साथ ही 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देशीय स्पोर्ट्स हॉल का निर्माण कराया गया है। हॉकी के लिए 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमेट्री बनाई गई है।
तकरीबन हर खेल को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हॉल, 11 वेटलिफ्टिंग हॉल बनाए जा चुके हैं। तीन स्पोर्ट्स कॉलेज, 44 क्रीडा छात्रवास बनाए गए हैं।
इन तमाम संसाधनों के माध्यम से प्रदेश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यही नहीं मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है, जो निसंदेह प्रदेश में खेल को नई ऊंचाइंयों पर ले जाने का काम करेगा।