उत्तर प्रदेश के सात नए मेडिकल कालेजों में अब इसी सत्र से दाखिले शुरू हो जाएंगे।
यह सात मेडिकल कालेज बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात और ललितपुर में हैं। नैशनल मेडिकल कमिशन (NMC) ने यूपी के इन सातों नए मेडिकल कॉलेजों में इसी सत्र में दाखिला लेने के लिए लेटर ऑफ परमिशन (LoP) जारी कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के13 नए मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का संकट हो गया था। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की तो उन्होंने सात मेडिकल कालेजों में दाखिले की अनुमति दिलवा दी। अब 13 में 7 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति दे दी गई है। बचे 6 मेडिकल कॉलेजों के लिए दोबारा अपील की जाएगी। विभाग के मुताबिक NMC ने तीन मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की भी अनुमति दे दी है।
उत्तर प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय किंजल सिंह ने इस बात की जानकारी दी है कि अब इन सातों मेडिकल कालेजों में इसी सत्र से दाखिले शुरू हो जाएंगे। इन सातों मेडिकल कॉलेज में 600 MBBS सीटों पर काउंसलिंग करवाई जाएगी। राजकीय मेडिकल कॉलेज आगरा में 72 और मेरठ में 50 MBBS सीटों का इजाफा किया गया है। अब आगरा मेडिकल कॉलेज में 200 और मेरठ मेडिकल कॉलेज में MBBS की 150 सीटों पर दाखिले होंगे।
हापुड़ के जीएस मेडिकल कॉलेज में इस शैक्षणिक सत्र में 100 MBBS सीटें बढ़ाने की अनुमति मिली है। अब वहां 250 सीटों पर दाखिले होंगे। पीपीपी मोड पर संचालित शामली, महराजगंज और संभल के मेडिकल कॉलेजों में भी क्रमश: 150-150 और 50 MBBS सीटों के लिए LoP जारी हुआ है। वहीं, निजी क्षेत्र के तहत स्थापित गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज में MBBS की 50 सीटों पर दाखिले की अनुमति दी गई है।
यहां बता दें कि बीते साल के शैक्षणिक सत्र में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 3,828 एमबीबीएस सीटें काउंसिलिंग के लिए उपलब्ध थीं। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कुल 722 सीटों की वृद्धि हुई है। अब प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 4,550 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में अब तक 5,450 सीटें थीं, इसमें 150 सीटों की वृद्धि हुई है। अब निजी मेडिकल कॉलेजों में 5,600 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं।
वहीं, पीपीपी मोड पर संचालित तीन नए मेडिकल कॉलेजों में 350 सीटें काउंसिलिंग के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में प्रदेश में सरकारी, निजी और पीपीपी मोड में संचालित मेडिकल कॉलेजों में 10,500 सीटों पर काउंसलिंग कराई जाएगी। महानिदेशक ने बताया कि बचे हुए कुछ राजकीय मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र संचालित करने के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन में फिर से अपील दाखिल की जाएगी।