उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी क्षेत्र की ओर से निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) आधारित परियोजनाओं के लिए मिल रहे उत्साहजनक प्रस्तावों को देखते हुए राज्य की पीपीपी नीति को और अधिक सरल तथा व्यवस्थित बनाने की जरूरत बताई है।
मुख्यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में मिले कुल निवेश प्रस्तावों में से लगभग 10 प्रतिशत प्रस्ताव पीपीपी परियोजनाओं के सम्बन्ध में थे, जो हमारी नीति के बेहतरीन परिणाम को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जो पीपीपी के लिए उपयुक्त परियोजनाओं के चिन्हीकरण, ‘स्टेकहोल्डर परामर्श’, विकासकर्ता के लिए निविदा तैयार करने, अधिग्रहण प्रक्रिया, अनुबन्ध जैसे विषयों को बेहतर ढंग से सम्पादित करती हो। इस उद्देश्य के साथ शीघ्र ही राज्य की नई पीपीपी नीति तैयार की जाए।