उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ की अध्यक्षता में मंगलवार को उपनिरीक्षक से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर तक की महिला अधिकारियों के साथ एक खुली परिचर्चा की गयी। यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।

विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश गठन के 25 साल में पहली बार आयोजित इस परिचर्चा में महिला अधिकारियों और कर्मचारियों ने विभिन्न विषयों पर संवाद किया तथा ड्यूटी के दौरान आने वाली चुनौतियों, व्यावहारिक कठिनाइयों और समस्याएं साझा करते हुए सुझाव भी दिए।

इस परिचर्चा में पुलिस प्रदेश मुख्यालय के अलावा देहरादून जिले की सभी महिला उप निरीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस महानिरीक्षक स्तर की महिला अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

परिचर्चा के दौरान तय किया गया कि महिला अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार उत्तरदायित्वपूर्ण पद दिए जाएं जिससे उनके आत्मविश्वास को बढ़ावा मिल सके।

इसके अलावा, साइबर प्रकोष्ठ, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), विशेष अभियान समूह (एसओजी), स्वापक नियंत्रण प्रकोष्ठ एवं अन्य महत्वपूर्ण इकाइयों में महिला कर्मचारियों की भूमिका बढ़ाने, कार्यस्थल की व्यस्तता, पारिवारिक जिम्मेदारियों और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच संतुलन स्थापित करने हेतु उनके लिए लचीली कार्य-नीति बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया। यह भी तय हुआ कि शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने हेतु निरंतर स्वास्थ्य जांच, फिटनेस, शारीरिक प्रशिक्षण, योग अभ्यास, ध्यान एवं खेल-कूद को बढ़ावा दिया जाये।

पुलिस महानिदेशक ने महिला अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि उनका कार्य और आचरण इस तरह का होना चाहिए जिससे उनका परिवार और समाज उन पर गर्व करे तथा वे समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण बनें।

महिला कर्मचारियों को प्रोत्साहित करते हुए सेठ ने आश्वासन दिया कि महिला कर्मचारियों के अनुभवों, विचारों तथा अनुशंसाओं को राज्य की पुलिस प्रणाली में समुचित रूप से एकीकृत किया जाएगा जिससे उनकी भूमिका और अधिक प्रभावशाली, सशक्त एवं नेतृत्व प्रधान बन सके।

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