उग्रवाद के खिलाफ केंद्र सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा एक्शन लिया, जहां नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया गया। पिछले काफी वक्त से सरकार इस पर विचार कर रही थी।

गृह मंत्रालय के मुताबिक गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत ये घोषणा की गई है, जो 3 अक्टूबर से प्रभावी है। अभी दोनों संगठनों पर 5 साल के लिए बैन लगाया गया है। उसके बाद इस पर दोबारा विचार किया जाएगा। वहीं इन दोनों संगठनों से जुड़े गुटों, विंगों को भी बैन कर दिया गया है।

सरकार के मुताबिक दोनों संगठन विध्वंसक और हिंसक गतिविधियों में लिप्त थे। इसके अलावा समर्थन जुटाने के लिए वो कई अन्य गैरकानूनी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध रखते थे। हाल ही के दिनों में दोनों संगठन कई हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हुए, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है।

इसके अलावा दोनों के द्वारा नागरिकों और सुरक्षाबलों के जवानों की हत्या की गई। साथ ही वो त्रिपुरा में कई व्यवसायिक लोगों से धन की उगाही में लगे हुए थे। इन संगठनों ने भारत के पड़ोसी देशों में प्रशिक्षण शिविर भी बना रखे हैं, जहां हथियार, गोला-बारूद की ट्रेनिंग दी जाती है।

केंद्र ने इन चिंताजनक बातों का हवाला देते हुए उन पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उनको बैन करने का आदेश जारी कर दिया। केंद्र ने साफ किया कि इन संगठनों के लिए कोई व्यक्ति काम करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इससे पहले केंद्र सरकार ने इसी तरह की कार्रवाई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ की थी। वो भी कई गैरकानूनी गतिविधियों और विदेशी फंडिंग से जुड़े मामलों में लिप्त था। उस पर 5 साल का बैन लगा है। इसके साथ ही देशभर में उसके कार्यलयों को भी बंद करवा दिया गया।

 

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