देश की 1979 की इस्लामी क्रांति की जीत की 45वीं वर्षगांठ मनाने के लिए रविवार को पूरे ईरान में सामूहिक रैलियां आयोजित की गईं।
अर्ध-आधिकारिक तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, रैलियों में देश के अधिकारी और सैन्य कमांडर भी शामिल हुए। यह देश के 1,400 शहरों और 35,000 गांवों में स्थानीय समयानुसार सुबह 9:00 बजे शुरू हुईं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी तेहरान में लोगों ने 13 स्थानों से आजादी स्क्वाॅयर की ओर मार्च किया, जहां ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने भाषण दिया।
उनके कार्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान के अनुसार, रायसी ने कहा कि देश के “सतर्क, व्यावहारिक और जागरूक” लोग “दुश्मनों” के कारण होने वाली सभी समस्याओं पर काबू पाने में कामयाब रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ईरान न तो पूर्व और न ही पश्चिम पर निर्भर है और वह स्वयं निर्णय लेता है और कार्य करता है।
उन्होंने “मानवाधिकार समर्थक होने का दावा करने वाले पश्चिमी राज्यों के समर्थन से गाजा में किए गए इजरायली अपराधों” की भी निंदा की।
तेहरान में रैलियों के दौरान, लोगों ने नारे लगाए और ईरान, इसकी इस्लामी क्रांति और फिलिस्तीनियों के समर्थन में समान नारे वाले बैनर ले रखे थे। उन्होंने अमेरिका और इजराइल की निंदा भी की।
रैलियों के मार्गों पर, कई घरेलू मिसाइलों और सिमोर्ग नामक एक लॉन्च वाहन को प्रदर्शन के लिए रखा गया था।
ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति ने अमेरिका समर्थित शाह शासन को उखाड़ फेंका था और देश को इस्लामी गणराज्य के दिवंगत संस्थापक अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी के नेतृत्व में ला दिया।