बरेली। एक मेडिकल कॉलेज में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर जाल में फंसा ठगी की कोशिश की। काफी देर तक उन्होंने डॉक्टर को फोन पर धमकाया। आरोपी पुलिस की वर्दी में थे। उनके ऑफिस का बैकग्राउंड भी पुलिस ऑफिस जैसा था। उसमें पुलिस का लोगो लगा हुआ था। मामले की शिकायत आईजी डॉक्टर राकेश सिंह से की गई। आईजी ने साइबर थाना पुलिस को मामले में कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

मेडिकल कॉलेज में कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर चीना गर्ग रामपुर गार्डन में रहती हैं। सोमवार दोपहर को उन्हें एक नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह आलमबाग पुलिस स्टेशन का ऑफिसर है। नवाब मलिक नाम के व्यक्ति ने मनी लांड्रिंग की है। बड़ी रकम का लेनदेन किया गया है। इसके बाद उस व्यक्ति ने डॉक्टर चीना गर्ग को वीडियो कॉल कर अपनी निगरानी में लिया। धमकी देने लगा कहा कि मनी लांड्रिंग के मामले में उनका नंबर इस्तेमाल हुआ है। ईडी की जांच में फंसाने की धमकी दी। काफी देर तक डॉक्टर कुछ समझ नहीं पाई। हालांकि घबराने के बाद उन्होंने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया। इससे वह ठगी से बच गई।

डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया धंधा है। अब सड़कों पर और घरों में लूटपाट, चोरी करने के बजाय थोड़ा सा पढ़े लिखे क्रिमिनल माइंड के अपराधी अब साइबर ठगी का पैंतरा अपना रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट सीख गए हैं। इससे वीडियो कॉल कर पुलिस ऑफिसर की वर्दी में सामने वाले को दुष्कर्म, मनी लांड्रिंग समेत केस में उनके या किसी उनके परिचित बेटे, बेटी को फंसाने की धमकी देते हैं। उनके खाते से रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसी पुलिस में कोई व्यवस्था नहीं है। कोई पुलिस अधिकारी वीडियो कॉल कर किसी को धमकी नहीं देता है। इसलिए ऐसे साइबर ठगों से सावधान रहें।

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