डीपीआईआईटी-सीआईआई राष्ट्रीय व्यापार सुगमता सम्मेलन’ का दूसरा एडिशन गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित किया गया। इसमें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मीडिया से बात की। केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष ‘जन विश्वास अधिनियम’ के तहत देश में लगभग जो केंद्र के 42 कानून थे, जो 19 अलग-अलग मंत्रालयों के अंतर्गत आते थे उसके 183 प्रावधानों में से जेल की सजा को निकालकर भारत के उद्योग जगत और भारत के सामान्य नागरिक को एक राहत दी थी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ईज ऑफ लिविंग हमारा मूल मंत्र है। उसके तहत एक पहल की देश और दुनिया में बहुत सराहना हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने हमें निर्देश दिया है कि अब उसके अलगे चरण पर कम करें। एक और जन विश्वास बिल लोगों के साथ चर्चा करके, हर स्टेकहोल्डर को शामिल करके, सुझाव लेकर, केंद्र और राज्यों के सरकारों की सहमति लेकर और ऐसे कौन से प्रावधान हैं? जिसको डिक्रिमिनलाइज करें, सजा का प्रावधान निकालकर फाइन में लेकर आएं। इस पर विभाग में तेजी से हो रहा है। मैं देश के लोगों से अपील करूंगा कि हमें सुझाव दें और हम आपकी सेवा अच्छी से कर सके उसमें आप भी सहभागी हों।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम में कुछ विभागों में बहुत बढ़िया प्रभाव हुआ है। जैसे गोल्ड हॉलमार्किंग का काम कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री में होता है, वो लगभग 99 शत प्रतिशत नेशनल सिंगल विंडो के माध्यम से जा रहा है। अलग-अलग विभागों ने, अलग-अलग चीजों पर नेशनल सिंगल विंडो का अच्छा प्रभावी रूप से लाभ लिया है। मेरा बार-बार उद्योग जगत, सभी चेंबर ऑफ कॉमर्स और बिजनेस के सभी समूह से मेरी अपील है कि वह इसका लाभ लें और उसमें से हमें सुझाव दें कि हम इसे कैसे और बेहतर बना सकें।
पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इंडस्ट्री हो बिजनेस हो व्यापार हो इन सब की तरफ से का इसका इस्तेमाल भी बढ़ेगा और इसमें से उनके सुझाव आएंगे, जिससे और हम उनकी सेवा कर सके।