रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में ‘सतत विकास के लिए पुनर्जीवित कृषि’ विषय पर आयोजित उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी के दूसरे दिन प्रशिक्षण सत्र की अध्यक्षता करते हुए मंडलायुक्त डॉ. आदर्श सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड के किसान खेती में बहुत अधिक श्रम करते है, लेकिन वैज्ञानिक तकनीक की जानकारी न होने के कारण अधिक लाभ नहीं उठा पाते है। इस मेले से किसान तकनीकी ज्ञान अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। किसान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कृषक कार्यों का निरीक्षण अवश्य करें, इससे कृषि की नयी-नयी जानकारियां प्राप्त होगी।
कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने अतिथियों, पद्मश्री किसान कबल सिंह चौहान, रामरतन वर्मा, सेठपाल सिंह, उमाशंकर पांडेय और चन्द्रशेखर सिंह के साथ दिल्ली के श्याम स्वरूप गौतम, गोपाल सिंह, जम्मू के डुण्डा सिंह, दर्शन कुमार, हिमाचल प्रदेश से संजय कुमार, रूपलाल, पंजाब से जगतार सिंह और भूपेन्द्र सिंह को अंगवस्त्र और राम दरबार प्रदान कर सम्मानित किया। भारतीय किसान संघ के मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा कि पद्मश्री सम्मान की बड़ी जिम्मेदारी भी है। आज देश के सभी व्यापारी किसानों पर ही निर्भर हैं। किसान बीज, दवाई, जुताई तथा अन्य खर्चों में दबा जा रहा है। किसानों को ऐसा बीज उपलब्ध कराएं, जिससे किसानों को बाजार न जाना पड़े।
किसान का बीज किसान का हो, कोरोना काल में किसानों का ही सहारा देश को रहा है। इस अवसर पर बांदा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरेन्द्र प्रताप सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के अतुल जैन भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजक निदेशक शोध डॉ. सुशील कुमार चतुर्वेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। नवोन्मेषी कृषक योगेश रघुवंशी, विशाल कटरे ने अनुभव साझा किए। डॉ. आर्तिका सिंह ने संचालन तथा डॉ. आशीष कुमार गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह, निदेशक शोध डॉ. एसके चतुर्वेदी, निदेशक शिक्षा डॉ. अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि, डॉ. आरके सिंह, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. वीपी सिंह, अधिष्ठाता मत्स्य डॉ. वीके बेहेरा, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ. मनमोहन डोबरियाल, डॉ. मुकेश श्रीवास्तव, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. एसएस कुशवाह आदि उपस्थित रहे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights