मुजफ्फरनगर। किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ अन्य गवाहों को बुलाकर बहस करने की मंजूरी दे दी है ,हाईकोर्ट में 10 अगस्त तक मामले को निस्तारित करने की भी समय सीमा निर्धारित की है।

मुजफ्फरनगर के भौरा कला थाना क्षेत्र में ग्राम अलावलपुर माजरा निवासी किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह की 6 सितंबर 2003 को गांव में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत समेत दो अन्य भाई प्रवीण व  बिट्टू भी नामजद थे।  बिट्टू व प्रवीण की मृत्यु हो चुकी है, अब इसमें केवल नरेश टिकैत अकेले अभियुक्त शेष हैं।

इस मामले की सुनवाई अपर जिला जज अशोक कुमार की अदालत में चल रही है। अपर जिला जज की अदालत में फैसला किसी भी क्षण आना था, इसी बीच स्वर्गीय चौधरी जगबीर सिंह के पुत्र और उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री योगराज सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी जिसमें इस मुकदमे को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।

इसी के साथ भौराकला के थाना अध्यक्ष रहे सुरेंद्र सिंह चौधरी और जगबीर सिंह हत्याकांड के आईओ रहे गुलाब चंद आर्य की अदालत में गवाही कराने की याचिका दाखिल की गई थी।  इलाहाबाद हाईकोर्ट के विद्वान न्यायमूर्ति ने याची योगराज सिंह की अदालत बदलने की याचिका तो अस्वीकार कर दी लेकिन अदालत ने यह आदेश दिया है कि इस मामले में निर्णय से पहले भौराकलां  के थाना अध्यक्ष रहे सुरेंद्र सिंह चौधरी और उपनिरीक्षक गुलाबचंद आर्य की गवाही करा ली जाए।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि 10 फरवरी 2023 के आदेश के अनुसार 10 अगस्त 2023 तक इस मामले का निस्तारण भी कर दिया जाए।

मुकदमे में योगराज सिंह की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व विवेक कुमार माहेश्वरी और शासकीय अधिवक्ता मनुराज सिंह ने बहस की जबकि विपक्षी नरेश टिकैत की ओर से अधिवक्ता मनीष तिवारी व निपुण सिंह द्वारा बहस की गई।

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