मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, इराक में एक सैन्य अड्डे पर एक बड़ा विस्फोट हुआ है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिलिट्री बेस पर जिस जगह हमला हुआ है, उसका इस्तेमाल इराक के पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज (PMF) द्वारा किया जाता है और यह बगदाद के दक्षिण में स्थित है।
हालांकि, विस्फोट का कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन घटना की पुष्टि, राजधानी बगदाद के दक्षिण में बेबीलोन गवर्नरेट में सुरक्षा समिति के सदस्य मुहन्नद अल-अनाज़ी ने की है।
विस्फोट की रिपोर्ट के फौरन बाद, इजराइल और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों ने स्पष्ट कर दिया, कि वे हमले में शामिल नहीं थे। इस घटना को चिंताजनक बनाने वाली बात यह है, कि यह घटना ईरान में एक सैन्य हमले के एक दिन बाद हुई, जिसके लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया गया है।
इराक में PMF के सैन्य बेस पर हमला
यह हमला बेबीलोन शहर में कलसू फैसिलिटी पर हुआ है, जिसका उपयोग पीएमएफ करता है। पीएमएफ दर्जनों सशस्त्र समूहों का एक अंब्रेला बॉडी है, और ये सैन्य बेस, इसके कर्मचारियों के प्रमुखों का घर है।
हमले के बाद PMF ने एक बयान में कहा है, कि “बाबिल गवर्नरेट के उत्तर में राजमार्ग पर अल-मशरू जिले में कलसू सैन्य अड्डे पर पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेज के मुख्यालय में एक विस्फोट हुआ है।” बयान में आगे कहा गया है, कि “हमले के फौरन बाद एक जांच दल मौके पर पहुंचा। वहीं, हमले में जान का नुकसान हुआ है। प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद आगे बयान जारी किया जाएगा।”
Several Iraqi soldiers from the Popular Mobilization Forces (an Iranian proxy group) were wounded after Israeli airstrikes against the Kalsu Base in Iraq.
Israel is striking Iranian targets, direct or indirect, for a second day in a row pic.twitter.com/1vHJcbTf17
— Visegrád 24 (@visegrad24) April 20, 2024
इस बीच, यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने हमले में अमेरिका की भागीदारी को खारिज कर दिया है। बयान में कहा गया है, कि “हम उन रिपोर्टों से अवगत हैं, जिनमें दावा किया गया है, कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने आज इराक में हवाई हमले किए हैं। वे खबरें सच नहीं हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने आज इराक में हवाई हमले नहीं किए हैं।”
आपको बता दें, कि साल 2016 में, इराकी संसद ने पीएमएफ को इराकी सेना के साथ काम करने वाली एक सरकारी इकाई के रूप में मान्यता देने के लिए एक विधेयक पारित किया था। वहीं, इस सैन्य बेस का इस्तेमाल एक वक्त अमेरिकी सेना भी करती थी।
ये भी ध्यान रखना जरूरी है, कि जब इजराइल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर में युद्ध शुरू हुआ था, और उस वक्त जब इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ड्रोन और रॉकेट हमले किए गये थे, उसमें PMF के अंदर रहने वाले गुटों की भागीदारी सामने आई थी।