इमरजेंसी से भी खराब हालात, अध्यादेश वापस ले केंद्र; केजरीवाल को मिला KCR का साथदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को तेलंगाना के अपने समकक्ष केसीआर से हैदराबाद में मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का समर्थन मांगा। बैठक के बाद केजरीवाल ने बताया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का भरोसा दिया है। उनका कहना है कि वे दिल्ली के लोगों को न्याय दिलाने के लिए सरकार दिल्ली के साथ हैं। केद्र सरकार की ओर से पारित अध्यादेश देश के जनतंत्र और संविधान के खिलाफ है। इस मौके पर केसीआर ने भी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला।

केजरीवाल के साथ उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान और आप सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी मौजूद थे। नेताओं के साथ बैठक के बाद केजरीवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। केजरीवाल ने कहा- आज देश में एक ऐसी पार्टी है जो चाहती है कि पूरे देश पर उनका शासन हो। ऐसे में मुख्यमंत्रियों को चुनने की क्या जरूरत है। प्रधानमंत्री और 31 राज्यपाल ही देश को चला लें। भाजपा के पास राज्य सभा में बहुमत नहीं है। उनके पास 238 में से केवल 93 सांसद हैं। यदि सभी पार्टियां लोकतंत्र बचाने के लिए एक साथ आएं तो यह विधेयक राज्यसभा में गिर जाएगा।

केजरीवाल ने कहा कि संसद में विधेयक की परीक्षा एक तरह से 2024 का सेमीफाइनल है। यदि यह विधेयक गिर गया तो देश को यकीन हो जाएगा कि मोदी को 2024 में हराया जा सकता है। 8 साल की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तब लोगों को न्याय मिला। यदि देश के प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी अध्यादेश से पलट देंगे तो देश के लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे। यह दिल्ली के लोगों का अपमान है कि आप लोग जो मर्जी सरकार चुन लें लेकिन हम नहीं चलने देंगे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और उनकी पार्टी बीआरएस दिल्ली की जनता को न्याय मिलने के लिए उनके साथ खड़ी है।

वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा- हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि वह अध्यादेश वापस लें नहीं, तो हम सभी केजरीवाल का समर्थन करेंगे। हम उनके साथ खड़े रहेंगे। हम अध्यादेश को नाकाम करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। सरकार को अनावश्यक रूप से इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने दीजिए। मोदी नीत सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली की जनता का अपमान किया है। मैं बिना किसी संदेह के कह सकता हूं कि यह दिल्ली के लोगों का अपमान है।

केसीआर ने आगे कहा- यह अध्यादेश न तो आपके (PM मोदी) लिए अच्छा है, ना तो लोकतंत्र के लिए ही बेहतर है। मौजूदा वक्त आपातकाल से भी बदतर है। आप (केंद्र) लोगों की चुनी सरकारों को काम नहीं करने दे रहे हैं। वहीं पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली सरकार इलेक्टेड जबकि एलजी सलेक्टेड हैं। लोकतंत्र में निर्वाचित सरकारें फैसले लेती हैं। पंजाब में भी राज्यपाल ने बजट सत्र की इजाजत नहीं दी थी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बजट सेशन शुरू हुआ।

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