जोधपुर। अंतरिम जमानत का लाभ लेने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट में कूटरचित दस्तावेज पेश करने के आरोप में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी, लेकिन नाबालिग से यौन शोषण के अपराध में आजीवन कारावास की सजा भुगतने के चलते आसाराम सलाखों से बाहर नहीं आ पाएगा।
वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट के सहायक पंजीयक के पत्र के आधार पर अंतरिम जमानत का लाभ लेने के लिए शीर्ष कोर्ट में कूटरचित दस्तावेज पेश के आरोप में आसाराम सहित उसके पैरोकार रवि राय मारवाह तथा अजय कुमार शर्मा के खिलाफ रातानाडा पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने आसाराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 193, 196, 200, 201, 420, 465, 468, 471 तथा 120 बी का अपराध प्रमाणित मानते हुए आरोप पत्र पेश किया था। याची की ओर से अधिवक्ता नीलकमल बोहरा ने कहा कि याचिकाकर्ता को झूठा फंसाया गया है। सुप्रीम कोर्ट में जिस कूटरचित दस्तावेज को पेश करने का तथ्य है, उसे सह आरोपी रवि राय ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड को सुपुर्द किया था।
दस साल से न्यायिक हिरासत मेंयाचिकाकर्ता पिछले दस वर्षों से एक अन्य आपराधिक मामले के संबंध में न्यायिक हिरासत में है और उसे जेल अधिकारियों की उपस्थिति के बिना समर्थकों और अन्य आगंतुकों से मिलने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए आसाराम के पास नकली दस्तावेज तैयार करने या बनाने का कोई अवसर नहीं हो सकता है। याचिकाकर्ता ने केवल वकालतनामे पर हस्ताक्षर किए थे, इसके अलावा उसे अपने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड से मिलने, बातचीत करने या कोई दस्तावेज सौंपने का कोई मौका नहीं मिला। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि याचिकाकर्ता कथित अपराध से जुड़ा हुआ है। सह आरोपी रवि राय को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसे देखते हुए न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
गौरतलब है कि नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे आसाराम की अपील राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित है। सजा निलंबन के उसके तीन प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट से खारिज हो चुके हैं। हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को अपील पर त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने को कहा था।
आसाराम के खिलाफ अंतरिम जमानत का लाभ लेने के लिए शीर्ष कोर्ट में कूटरचित दस्तावेज पेश करने के अलावा और भी कई मामले दर्ज हैं। जोधपुर में नाबालिग से यौन शोषण के मामले सहित गुजरात में एक महिला से बलात्कार के मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। एक अन्य मामला जोधपुर के उदयमंदिर पुलिस थाने में भादंसं की धारा 353, 355, 384, 117, 189, 120 बी तथा आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत दर्ज है, जिसमें लोक सेवक को चोटिल करने की धमकी देने के आरोप में सात साल तक की सजा का प्रावधान है।