सरकार के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में अब तक 12 लाख से अधिक निराश्रित गोवंशों को प्रदेश के अलग- अलग जिलों में बनाए गए गोवंश संरक्षण केन्द्रों में संरक्षित किया गया है। हालांकि, सरकार को अनुमान है कि अभी तकरीबन सवा दो लाख से ज्यादा आवारा गोवंश इधर – उधर घूम रहे हैं। इन गोवंशों को संरक्षित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इसके अलावा जरूरत पड़ने पर पुलिस का भी सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान के तहत प्रत्येक जिले में विकासखंड और तहसील स्तर पर इन विभागों की टीम निराश्रित गौवंशों को आश्रय स्थलों में संरक्षित करेंगी। नगरीय क्षेत्र में स्थानीय निकायों के प्रभारी अधिकारी और नगर आयुक्त द्वारा इस अभियान का नेतृत्व किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाए जाने का निर्देश दिया गया है।
शासन द्वारा जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि जहां पर अस्थाई गौआश्रय स्थल का निर्माण नहीं हो पाया है। वहां पर अस्थाई गौआश्रय स्थलों का निर्माण कर लिया जाए। साथ ही साथ और अस्थाई गौआश्रय स्थलों की क्षमता का भी विस्तार किया जाए। इस अभियान के दौरान शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सभी जिलों में दौरा किया जाएगा और हालात का जायजा लिया जाएगा। इस अभियान की प्रगति की साप्ताहिक रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी।
योगी सरकार प्रदेश में छुट्टा गोवंशों की संरक्षण के लिए सैकड़ों की तादाद में स्थाई और अस्थाई गौ आश्रय बनाए गए हैं। इनमें लाखों छुट्टा गोवंशों को रखा गया है। इधर-उधर घूम रहे गोवंशों के संरक्षण को लेकर योगी सरकार द्वारा समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाया जाता रहा है। उनको पकड़कर गौ-आश्रयों में रखने की प्रक्रिया भी लगातार जारी है। इसके बावजूद प्रदेश में आवारा जानवरों की समस्या बनी हुई है।