सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाने जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में माहौल बिगाड़ने वालों पर पुलिस ने पैनी नजर बना रखी है। घाटी के चप्पे-चप्पे पुलिस का पहरा है। साथ ही पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की अपील की है। फैसले से पहले उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा।
अनुच्छेद 370 पर कोर्ट के फैसले से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया। बीते दो दिनों के अंदर ‘नफरत फैलाने वाली सामग्री’ अपलोड करने या अफवाहें फैलाने के मामले में पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। साथ ही पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की अपील की है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती उक्त अनुच्छेद को खत्म करने के केंद्र सरकार के कदम का विरोध कर रहे हैं, जिसने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। शीर्ष कोर्ट के फैसले से पहले उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि फैसला उनके पक्ष में आएगा।
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को संसद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। बीजेपी सरकार ने दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां पहुंची है। इन सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष कोर्ट आज इस पर अपना फैसला सुनाएगा।