केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई पूरी तरह से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे से पूरी तरह मुक्त नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायलय ने एक मामले में टिप्पणी करते हुए कहा है कि सूचना का अधिकार कानून सीबीआई किसी भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित जानकारी प्रदान करने की अनुमति देता है।
गौरतलब है कि सीबीआई को आरटीआई अधिनियम के धारा 24 में रखा गया है। इस धारा 24 में शामिल संगठनों पर आरटीई लागू नहीं होता है। इसको परिभाषित करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई भले ही कानून की दूसरी अनुसूची में है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पूरा अधिनियम ही इस संगठन लागू नहीं होता है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि धारा 24 का प्रावधान भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों से संबंधित जानकारी आवेदक को उपलब्ध कराने की अनुमति देता है। दूसरी अनुसूची में उल्लिखित संगठनों को अपवाद में शामिल नहीं किया जा सकता है। उच्च न्यायालय ने सीबीआई की याचिका पर यह आदेश दिया जिसमें सीआईसी के फैसले को चुनौती दी गई थी।