आम चुनाव की घोषणा से ठीक पहले सरकार अपना अंतिम बजट पेश करेगी। इस बजट में मध्यम वर्गीय वेतन भोगी परिवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।

सरकार ने मोबाइल हैंडसेट के कच्चे माल पर ड्यूटी घटकर इसके संकेत दिए हैं। इससे उद्योग जगत को भी राहत की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार छठा बजट पेश करेंगी।

मोदी सरकार का दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी बजट है। इस बजट को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ समय से मोदी सरकार चावन को ध्यान में रखकर निर्णय ले रही है। वर्ष 2019 में भी केंद्र सरकार ने अंतिम बजट में मध्यम वर्ग को राहत देते हुए आयकर में बदलाव किया था और उसे वक्त पुराने संसद भवन के लोकसभा कक्ष में तालियों की गड़गड़ाहट से प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया गया था और विपक्ष का मुंह खुला का खुला रह गया क्योंकि लोकसभा चुनाव में इसका असर पड़ना स्वाभाविक था और असर पड़ा भी।

भाजपा को 2014 के मुकाबले 2019 में ज्यादा सीटें मिली। भाजपा ने 2024 के चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा है इसलिए स्वाभाविक है कि अंतिम बजट को भी चुनावी बजट के रूप में लिया जाएगा।  सूत्रों का कहना कि इस बार भी मध्यम वर्ग को राहत दी जाएगी। इसके अलावा उद्योग जगत और किसानों के लिए भी खुशखबरी हो सकती है। अभी प्रधानमंत्री किसान निधि के तहत 6000 रुपए सालाना दिया जाता है इस राशि को बढ़ाने की उम्मीद है।

पिछले 5 सालों में मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग को खास राहत नहीं दी है। संभावना है कि इनकम टैक्स के दायरे को और व्यापक किया जाएगा ताकि टैक्स देने वाले बड़े लेकिन उनका स्लैब कम हो, जैसे कि पिछली बार में किया था साढ़े सात लाख रु पए तक कि आई को कर मुक्त कर दिया था इसी में कुछ और राहत की संभावना है।

सरकार ने आज मोबाइल फोन के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली बैटरी कर लाइंस और सिम सॉकेट जैसे कलपुर्जों पर आयात शुल्क 15% से घटकर 10% कर दिया है सरकार के इस निर्णय को कल पेश होने वाले अंतरिम बजट में राहत के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि इस वक्त देश में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है इसलिए सरकार रोजगार बढ़ाने के उपायों की घोषणा कर सकती है कौशल विकास और कुशल मजदूरों के लिए कुछ राहत दी जा सकती है।

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