विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं होने की अफवाहों को खारिज करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि पंजाब में लोकसभा चुनाव अकेले-अकेले लड़ने का आप और कांग्रेस का फैसला ‘परस्पर सहमति’ से लिया गया था और उनके बीच कोई मतभेद नहीं हैं। दोपहर के भोजन के लिए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात करने वाले केजरीवाल ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने के आप के फैसले के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह फैसला आपसी सहमति से लिया गया है और इस में कोई रंजिश नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप दिल्ली में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर बातचीत कर रही है क्योंकि इसके बिना भाजपा के लिए चीजें आसान हो जाएंगी।
एक दशक से भाजपा राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात संसदीय सीटें जीत रही है।
इससे पहले, जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य की सभी 13 सीटों पर आप के चुनाव लड़ने के फैसले की घोषणा की थी, तो पंजाब कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि सबसे पुरानी पार्टी बिल्कुल यही चाहती है।
हाल ही में एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में बाजवा ने कहा था, “पंजाब में हम आप के साथ नहीं जा सकते, क्योंकि आप सत्तारूढ़ पार्टी है और कांग्रेस विपक्ष में है।”
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने विपक्षी गठबंधन को “अवसरवादी” करार दिया।