कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद को उनके नेतृत्व वाले ट्रस्ट द्वारा कृत्रिम अंगों और उपकरणों के वितरण में सरकारी धन के कथित दुरुपयोग से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना है।

उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए लखनऊ में ईडी जोनल कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

पिछले हफ्ते बरेली की एक एमपी-एमएलए अदालत ने इस मामले में लुईस खुर्शीद और एक अन्य आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और सुनवाई की अगली तारीख 16 फरवरी तय की थी।

मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी मामला 2017 की राज्य पुलिस की एफआईआर से उपजा है।

विशेष लोक अभियोजक अचिंत्य द्विवेदी ने कहा था कि 2009-10 के दौरान जिले के भोजीपुरा क्षेत्र में लुईस खुर्शीद के डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट फॉर डिसेबल्ड पर्सन्स द्वारा कृत्रिम अंगों और उपकरणों के वितरण के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

गड़बड़ी के आरोप मिलने पर सरकार ने मामले की जांच करायी।

उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि कार्यक्रम में फर्जी मुहरों और हस्ताक्षरों का इस्तेमाल कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।

इस मामले में तीन मुख्य आरोपी थे, जिनमें ट्रस्ट की प्रोजेक्ट मैनेजर लुईस खुर्शीद, ट्रस्ट के प्रतिनिधि प्रत्यूष शुक्ला और सचिव अतहर फारूकी शामिल थे। कुछ साल पहले शुक्ला की मृत्यु हो गई।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने शुक्ला की पत्नी और कुछ अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं और अब लुईस खुर्शीद को जांच में शामिल होने के लिए कहा है।

अदालत ने आरोपियों को कई बार समन जारी किया था लेकिन वे न तो पेश हुए और न ही उन्हें मामले में जमानत मिली।

इस बीच लुईस खुर्शीद से फोन पर संपर्क करने की कोशिशें नाकाम रहीं और यह पता नहीं चल पाया कि वह ईडी के सामने पेश होंगी या नहीं।

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