भारत निर्वाचन आयोग आज (शुक्रवार) को विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करने वाला है। हाल ही में चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया था और आज के ऐलान से इन राज्यों में आगामी चुनावों की योजना स्पष्ट होगी।  महाराष्ट्र और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, चुनाव आयोग की टीम ने अभी महाराष्ट्र और झारखंड का दौरा नहीं किया। ऐसे में महाराष्ट्र और झारखंड की चुनाव तारीखों का कुछ स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा देश के कुछ राज्यों में विधानसभा उपचुनाव होने हैं। वायनाड लोक सभा का उपचुनाव भी होना है।

जम्मू-कश्मीर में 2018 में सरकार भंग होने के बाद से चुनाव नहीं हुए हैं। पिछली बार यहां 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गठबंधन बनाया था। हालांकि, भाजपा ने बाद में इस गठबंधन से दूरी बना ली, और 2018 में सरकार गिर गई।

हरियाणा में मौजूदा सरकार का कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है। पिछले चुनाव 2019 में हुए थे, जब भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने मिलकर सरकार बनाई थी। इस साल मार्च में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया था। आज के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद, चुनाव आयोग द्वारा घोषित तारीखों से राजनीतिक दलों और मतदाताओं को आगामी चुनावी गतिविधियों की योजना का पता चलेगा।

लागू होगी आचार संहिता

भारत में चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct, MCC) वह दस्तावेज़ है जिसे चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। इस आचार संहिता का पालन करना सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और सरकार के लिए अनिवार्य है।

राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नियम
1. भाषण और बयानबाज़ी: राजनीतिक दल और उम्मीदवार व्यक्तिगत आलोचना से बचें और किसी भी व्यक्ति की निजी ज़िंदगी पर टिप्पणी न करें। धर्म, जाति, भाषा, या समुदाय के आधार पर वोट मांगना भी मना है।
2. धन और उपहारों का वितरण: किसी भी प्रकार के धन, उपहार, शराब, या अन्य वस्तुओं का वितरण मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सकता।
3. प्रचार गतिविधियाँ: प्रचार करते समय किसी भी धार्मिक स्थल, सरकारी भवनों, या शैक्षिक संस्थानों का उपयोग नहीं किया जा सकता।
4. मतदान केंद्रों के पास प्रचार: मतदान के दिन और 48 घंटे पहले, किसी भी प्रकार का प्रचार मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में मना है।
5. झूठे वादे: ऐसे वादे जो अव्यवहारिक या असंभव हैं, नहीं किए जाने चाहिए।

सरकार और सरकारी अधिकारियों के लिए नियम
1. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, सरकार किसी भी नई योजना, परियोजना, या नीति की घोषणा नहीं कर सकती, जिससे मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके।
2. चुनाव की अवधि के दौरान किसी सरकारी अधिकारी का तबादला या पदोन्नति नहीं की जा सकती, जब तक चुनाव आयोग से अनुमति न ली गई हो।
3. चुनाव प्रचार के लिए सरकारी वाहनों, अधिकारियों, और अन्य संसाधनों का उपयोग मना है।
4. सरकारी विज्ञापनों या मीडिया पर किसी भी प्रकार का सरकारी प्रचार मना है, जो चुनाव को प्रभावित कर सके।

 आचार संहिता के उल्लंघन पर कानूनी प्रभाव:
1. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज हो सकते हैं।
2. चुनाव आयोग उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ़ कार्रवाई कर सकता है, जिसमें चेतावनी, प्राथमिकी दर्ज कराना, या उम्मीदवार का नामांकन रद्द करना शामिल हो सकता है।
3. चुनाव से संबंधित किसी भी उल्लंघन पर अदालत में मामला दर्ज किया जा सकता है, जो उम्मीदवार की चुनावी योग्यता को प्रभावित कर सकता है।

 

By admin

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