पंचांग के अनुसार, हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। ये दिन मां दर्गा को समर्पित है। मासिक दुर्गाष्टमी व्रत के महत्व को शास्त्रों में भी विस्तार से बताया गया है।
शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मां भगवती के लिए दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। आज भक्त पूरे विधि – विधान से मां दुर्गा के लिए व्रत रख रहे हैं। इस विशेष दिन पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इन शुभ योग में पूजा-पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर मां भगवती (मां दुर्गा) की उपासना करने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जीवन में सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के कुछ मंत्रों का जाप करना भी शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो लोग इस दिन माता दुर्गा के मंत्रों का जाप करते हैं, उन्हें मन की शांति मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि की शुरुआत – 17 जनवरी 2024, रात 10 बजकर 6 मिनट
मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि समाप्त- 18 जनवरी, रात 8 बजकर 44 मिनट पर।
दुर्गाष्टमी पूजन विधि
प्रातःकाल स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा पर गंगाजल छिड़के।
चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें।
मां को लाल चुनरी, अक्षत और फूल माला अर्पित करें
फिर फल, मिठाई का प्रसाद मां दुर्गा को अर्पित करना चाहिए।
अब आरती करें
दुर्गा चालीसा का पाठ करे।
मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें और प्रसाद बांटे।
ऐसे करें दुर्गा मंत्रों का जाप
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।