जम्मू-कश्मीर में माजीन के शिवालिक वनों में तिरुपति बालाजी का मंदिर बनकर तैयार हो गया है और गुरुवार से इसके कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। बुधवार को मंदिर में आठ और छह फुट की भगवान वेंकटेश्वर की मूर्तियां प्रतिष्ठापित कर दी गई हैं। वीरवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे, इसके बाद श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकेंगे। तिरुपति बालाजी का मंदिर सिद्दड़ा के मजीन गांव में 62 एकड़ भूमि पर 32 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है।

बुधवार को आंध्र प्रदेश से आए 45 के करीब विद्वान पंडितों के द्वारा पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रों के साथ मूर्तियां प्रतिष्ठापित की गईं। इस दौरान काफी संख्या में भक्तजन पहुंचे थे। वीरवार को होने वाले धार्मिक कार्यक्रम के लिए मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से सजाया गया है। मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह में 8 फुट ऊंची भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई है। मूर्ति के निर्माण में ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। गर्भ ग्रह के बाहर भी छह फुट की भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई है। ये मूर्तियां आंध्र प्रदेश के गुंतूर शहर से लाई गई हैं। मंदिर में छह मई से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की विशेष पूजा शुरू हुई थी, जिसके बाद से धार्मिक अनुष्ठान जारी था।

जम्मू का यह मंदिर आंध्र प्रदेश से बाहर बनाया जा रहा छठा बालाजी मंदिर होगा। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने पहले हैदराबाद, चेन्नई, कन्याकुमारी, दिल्ली और भुवनेश्वर में मंदिरों का निर्माण कराया था। जम्मू शहर में ये धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। मां वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले भक्त अब जम्मू में तिरुपति बालाजी के दर्शन भी कर सकेंगे। इससे धार्मिक पर्यटन में वृद्धि के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।  पहले चरण में भगवान बालाजी का मंदिर, पुजारियों व बोर्ड स्टाफ के लिए आवास, शौचालय व पार्किंग बनाई गई। दूसरे चरण में वेद पाठशाला, आध्यात्मिक केंद्र बनाए जाएंगे। आंध्र प्रदेश के ही 50 से अधिक कारीगरों ने निर्माण किया है। जून 2021 में मंदिर का शिलान्यास किया गया था।

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