असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कांग्रेस पर पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों में अपने शासन के दौरान परेशानी पैदा करने का बुधवार को आरोप लगाया। उन्होंने मणिपुर संकट के लिए भी कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘परिवर्तिन संकल्प’ यात्रा के लिए जोधपुर पहुंचे शर्मा ने सनातन धर्म पर की गई टिप्पणियों पर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि चुप्पी इन टिप्पणियों का समर्थन है।

जोधपुर पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए शर्मा ने कहा, ”जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्य अशांत थे। आज सात राज्यों में शांति है।” उन्होंने कहा, “आज मणिपुर की जो हालत है उसके लिए कांग्रेस (सरकार) की नीतियां जिम्मेदार हैं।” मणिपुर में तीन मई को भड़की जातीय हिंसा में अबतक 175 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तथा सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैं। शर्मा ने सनातन धर्म पर द्रमुक नेताओं की टिप्पणी को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन और कांग्रेस पर प्रहार किया।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इंडिया’ (गठबंधन) के सदस्यों द्वारा सनातन धर्म के खिलाफ बार-बार बयान देने के बावजूद, कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी सनातन धर्म की आलोचना से खुद को अलग करने के लिए कोई बयान जारी नहीं किया है। इससे साफ पता चलता है कि वह उनके साथ हैं।” द्रमुक नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना वायरस जैसी बीमारियों से की थी और कहा था कि ऐसी चीज़ों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि खत्म कर देना चाहिए।

शर्मा ने कहा, “ अगर आप अकादमिक बहस में भी इस्लाम के खिलाफ बोलते हैं तो आपका सिर काट दिया जाता है, लेकिन ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों द्वारा सनातन धर्म की लगातार आलोचना की जा रही है।” असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं भी नहीं चाहता कि कोई इस्लाम के खिलाफ बोले, लेकिन सनातन धर्म के खिलाफ बयानों के बावजूद कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी है।” राजस्थान के बारे में शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घबराए हुए हैं और कुछ-कुछ दिनों पर नई योजनाओं का ऐलान कर रहे हैं।

शर्मा ने कहा, “यदि वह वास्तव में लोगों के कल्याण को लेकर चिंतित थे, तो उन्हें चुनाव से बहुत पहले ही ये योजनाएं शुरू करनी चाहिए थीं।” राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। शर्मा ने दावा किया कि असम में मंहगाई दर सिर्फ चार प्रतिशत है जबकि राजस्थान में यह 8.6 फीसदी है। उन्होंने राज्य में पेट्रोल-डीज़ल के अधिक दामों के लिए कांग्रेस से माफी की मांग की। उन्होंने कांग्रेस से राहत देने का ‘ड्रामा’ बंद करने को भी कहा।

 

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