नई दिल्लीः रूसी मूल के मिग-21 लड़ाकू विमान 8 अक्टूबर को वार्षिक वायु सेना दिवस परेड में आखिरी बार भाग लेने के लिए तैयार हैं। भारतीय वायुसेना विमान के शेष तीन स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने वायु सेना दिवस से पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंगलवार को कहा कि स्वदेश विकसित तेजस मार्क-1ए विमान 2025 से मिग-21 विमानों की जगह लेंगे।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस मार्क-1ए विमान खरीदने का अनुबंध जल्द ही पूरा किया जाएगा। यह 2021 में 83 ऐसे जेट खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ हुए 48,000 करोड़ रुपये के सौदे के अतिरिक्त होगा। इस समय भारतीय वायु सेना के पास मिग-21 विमानों के तीन स्क्वाड्रन हैं, जिनमें कुल करीब 50 विमान हैं। मिग-21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक समयसीमा तय की गयी है।
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि मिग-21 के बाकी स्क्वाड्रन को अगले साल तक चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम मिग-21 स्क्वाड्रन को एलसीए मार्क-1ए से बदलेंगे। एलसीए मार्क-1ए के शामिल होने से मिग-21 की कमी पूरी की जाएगी।” एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मिग-21 विमान आठ अक्टूबर को प्रयागराज में अंतिम बार वायु सेना दिवस परेड में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार के करीब 120 विमान वायु सेना दिवस परेड में हिस्सा लेंगे। हाल में शामिल सी-295 परिवहन विमान को भी परेड में शामिल किया जाएगा।
मिग-21 विमानों को 1960 के दशक की शुरुआत में वायु सेना में शामिल किया गया था। वायु सेना ने अपनी समग्र लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए 870 से ज्यादा मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे। हालांकि, इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है। वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘वायु सेना दिवस हम सभी वायु योद्धाओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर है, जब हम देश की संप्रभुता और अखंडता को सुरक्षित करने का पवित्र संकल्प दोहराते हैं।”