बहुजन समाज पार्टी में एक बड़ा बदलाव हो गया है। बहुजन समाज पार्टी से कुछ ही महीने पहले निष्कासित किए गए आकाश आनंद को पार्टी में फिर से शामिल करते हुए बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। बसपा प्रमुख मायावती ने आाकाश आंनद को एक बार फिर पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है।
रविवार को दिल्ली के लोधी रोड स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में राष्ट्रीय स्तर की बैठक में यह फैसला हुआ है। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, प्रदेश प्रतिनिधि और देशभर से आए समन्वयक भी उपस्थित थे। इस बैठक में तय हुआ कि आगामी चुनाव में प्रचार की कमान आकाश को सौंपी जाएगी। पार्टी ने एक बयान में कहा, “उम्मीद है कि इस बार आकाश आनंद पार्टी और आंदोलन के हित में सावधानीपूर्वक कदम उठाएंगे तथा पार्टी की वैचारिक नींव को मजबूत करेंगे।”
इससे पहले, मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी में पुनः शामिल कर लिया था, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और पार्टी तथा उसके सिद्धांतों के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पुनः पार्टी में शामिल करना संभव नहीं है, क्योंकि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में गंभीर रूप से शामिल हैं। एक्स पर कई पोस्टों में बसपा प्रमुख ने कहा कि उनके भतीजे को “एक और मौका” देने का निर्णय लिया गया है।
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा, “आकाश आनंद ने सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों को स्वीकार किया, वरिष्ठ सदस्यों के प्रति पूरा सम्मान व आदर व्यक्त किया तथा अपने ससुर की बातों से प्रभावित न होकर अपना जीवन बीएसपी पार्टी व मूवमेंट को समर्पित करने का संकल्प लिया। इसी के मद्देनजर उन्हें एक और मौका देने का निर्णय लिया गया है।”
आकाश के ससुर का जिक्र करते हुए मायावती ने स्पष्ट किया कि उनके कार्यों से पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है। बसपा प्रमुख ने कहा, “आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां माफ करने लायक नहीं हैं। गुटबाजी और अन्य गंभीर पार्टी विरोधी गतिविधियों के जरिए उन्होंने न सिर्फ पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि आकाश का करियर भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उन्हें माफ करने या पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता।”
बता दें कि आकाश आनंद को विवादित ट्वीट और अंदरूनी मतभेदों के चलते बीएसपी से निकाल दिया गया था। बीएसपी प्रमुख ने अपनी बहाली की घोषणा सार्वजनिक माफ़ी के साथ की, जिसमें उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ पूर्ण तालमेल की बात कही और बाहरी प्रभावों से बचने का वादा किया।