भोजपुरी गायक समर सिंह को तीन साल पहले कोई नहीं जानता था। आकांक्षा दुबे के कारण ही समर की पहचान बनी। जिसके कारण पहचान बनी उसी की जान समर सिंह ने ली है। अब पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो वो घड़ियाली आंसू बहा रहा है। ये बातें भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा की मां मधु दुबे ने सोमवार को वाराणसी में मीडिया से बात करते हुए कहीं।

प्रेस वार्ता में मधु दुबे ने न सिर्फ पुराने आरोपों को दोहराया बल्कि कई नए आरोप भी मढ़ दिए। कहा कि मुझे सारनाथ थाने की पुलिस पर पर भरोसा नहीं है। समर सिंह से दो करोड़ रुपये लेकर सारनाथ थाने की पुलिस बिक गई है। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आकांक्षा की मौत में मामले में सारनाथ पुलिस ने किसी तरह की छेड़छाड़ की तो ठीक नहीं होगा।

बताया कि आकांक्षा का मोबाइल सहित अन्य सामान सारनाथ थाने में ही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन समर के साथ मिला हुआ है। पुलिस ही समर को छिपाकर रखी थी। दबाव बनने पर गिरफ्तारी दिखा दी। समर के समाजवादी पार्टी से संबंध हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।

एक सवाल के जवाब में मधु दुबे ने दोहराया कि मेरी बेटी आकांक्षा आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी हत्या में समर और संजय सिंह शामिल है। होटल का मैनेजर और सारनाथ पुलिस समर सिंह की साजिश का हिस्सा है। मधु दुबे ने कहा कि 25 मार्च की रात 8 बजे तक बिल्कुल खुश थी। फोन पर बात हुई थी। आकांक्षा जब महमूरगंज में पार्टी कर होटल लौटी तो बिल्कुल ठीक हालत में थी। लेकिन होटल मैनेजर ने बताया था कि वह शराब के नशे में थी। उसके कदम लड़खड़ा रहे थे। जबकि सीसीटीवी फुटेज में वह बिल्कुल ठीक दिख रही है।
उन्होंने पूछा कि रात करीब दो बजे युवक के होटल आने का सीसीटीव फुटेज है लेकिन उसके वापस जाने का वीडियो नहीं है। अचानक ऐसा क्या हो गया कि आकांक्षा ने खुदकुशी कर ली। आरोप लगाया कि आकांक्षा के  कमरे में पहुंचने से पहले वहां किसी व्यक्ति को बैठाया गया था। उसी ने आकांक्षा की हत्या की। मेरी बेटी खुदकुशी कर ही नहीं सकती। उसके पास कोई कमी नहीं थी। उसे मारा गया है।
जब मधु दुबे से सवाल किया गया कि समर सिंह खुद को निर्दोष बता रहा है और गिरफ्तारी के बाद से रो रहा है तो उन्होंने कहा कि कहा कि समर बहुत शातिर है। वो घड़ियाली आंसू बहा रहा है। मधु दुबे ने कहा कि एक साल पहले इसी सारनाथ में बर्थडे पार्टी के दौरान समर ने बेटी आकांक्षा को मारा था। तब आकांक्षा ने सारनाथ थाने में शिकायत की थी। आकांक्षा ने फोन कर इसकी सूचना भी दी थी। तब मैंने समर को फोन कर बहुत डांटा था। तब सारनाथ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।  21 मार्च को संजय सिंह ने फोन पर आकांक्षा को धमकी दी थी। 26 मार्च की रात हत्या कर दी।

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