राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि अलाकमान का फैसला जो भी होगा वह सबको स्वीकार होगा। गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा कि उन्होंने ‘भूलो और माफ करो’ की नीति पर अमल किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, “मैंने पहले भी कहा था… मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे छोड़ नहीं रहा है, शायद छोड़ेगा भी नहीं…।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस अलाकामन का जो भी फैसला होगा वह सबको स्वीकार होगा।
टिकटों के बंटवारे के संदर्भ में गहलोत ने कहा कि जीत की संभावना ही उम्मीदवारी का मुख्य आधार होगा। गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष को अपना शत्रु समझते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया कि वह देश में सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाएं।
बता दें कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा।