उसकी खातिरदारी के लिए जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने सारे कायदे-कानून ताक पर रख दिए थे। प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय ने जांच के बाद इसकी रिपोर्ट डीजी जेल को भेजी थी। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट में जेल के शीर्ष अफसरों से लेकर निचले स्तर के कर्मचारियों तक को नाम के साथ जिक्र कर दोषी ठहराया गया है।
इसमें राजीव शुक्ला को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा गया है कि कुछ कर्मचारी न चाहते हुए भी इस काकस का हिस्सा बनने को मजबूर थे। विरोध की स्थिति में उनको खुद पर ही कार्रवाई होने का डर सता रहा था। पीलीभीत के मोहल्ला फीलखाना निवासी आरिफ को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।
उसके द्वारा लाई गई बिरयानी जेल अधीक्षक की देखरेख में अशरफ की बैरक तक पहुंचाई जाती थी। अशरफ के लिए जेल की कैंटीन में भी चिकन, मटन और अंडा करी बनाई जाती थी। अशरफ के कहने पर बिल्लियों के खाने के लिए बिस्किट, ब्रेड व दूध आदि आता था।