केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि निमंत्रण के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने से इनकार कर दिया। वह राज्य में “अवैध घुसपैठियों” को नाराज नहीं करना चाहती थीं।

पूर्वी बर्दवान जिले के कटवा में एक रैली को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए ममता बनर्जी को न्योता दिया गया था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुईं क्योंकि वह राज्य में अवैध घुसपैठियों को खुश करना चाहती थीं जो उनकी पार्टी के प्रमुख वोट बैंक हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की 18 सीटें जीतना अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को संभव बनाने में एक महत्वपूर्ण कारक बना।

उन्होंने कहा, “राम मंदिर को लेकर पिछले 70 सालों से अनिश्चितताएं बनी हुई थीं, लेकिन बंगाल की जनता ने 2019 में बीजेपी को 18 सीटों का तोहफा दिया और नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। पांच साल के अंदर राम मंदिर का उद्घाटन हो गया।”

केंद्रीय मंत्री ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर ममता बनर्जी के विरोध के पीछे के तर्क पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, “वह अवैध घुसपैठियों के बीच अपने समर्पित वोट बैंक को खुश करने के लिए सीएए का विरोध कर रही हैं। संदेशखाली में एक ऐसे अवैध घुसपैठिए ने आतंक का राज कायम कर दिया था, जहां महिलाओं को भी उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। जिस राज्य में महिला मुख्यमंत्री हो वहां ऐसी चीजें होना दुर्भाग्यपूर्ण है।”

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “पश्चिम बंगाल में कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। आज मैं वादा करता हूं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के सत्ता में आने पर हत्यारों को कड़ी सजा दी जाएगी। राज्य सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वह भाजपा कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है।”

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