सनातन धर्म में पंचायतन पूजा श्रेष्ठ मानी गई है। यह पंच देव हैं विघ्नहर्ता गणपति, भगवान शिव शंकर, श्रीहरि विष्णु, देवी दुर्गा एवं भुवन भास्कर सूर्यदेव। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की बैठक में इन पंच देवों के मंदिरों की स्थापना पर मंथन करते हुए कहा गया कि भगवान राम श्रीहरि विष्णु के ही अवतार हैं और मध्य में उनका मंदिर निर्माणाधीन है। इसीलिए मंदिर की परिधि में निर्माणाधीन आयताकार परकोटे के चारों कोने पर गणपति, भगवान शिव व माता दुर्गा समेत भगवान सूर्यदेव का मंदिर बनाने पर सहमति बन गई।

इसके पहले बोर्ड आफ ट्रस्टीज की पिछली बैठक में तीर्थ क्षेत्र के न्यासी व जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद ने पंचायतन मंदिर की स्थापना की सलाह दी थी। उसी विषय का निर्धारण कर भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने कार्यदाई संस्था को इसी प्रकार की व्यवस्था का निर्देश दिया है। इस बैठक में यह भी सहमति बन गई कि परकोटे के दक्षिणी भाग के मध्य हनुमान जी व उत्तरी भाग के मध्य माता अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जाए। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सलाह पर दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं को राम मंदिर से भावनात्मक रूप से जोड़ने की दृष्टि से गोपुरम के निर्माण पर भी सहमति हो गई। फिलहाल अभी इसके लिए स्थान का पेंच फंसा है। तीर्थ क्षेत्र की ओर से इस दिशा में प्रयास हो रहा है और आपसी बातचीत से मसले का हल निकाला जा रहा है।

भगवान राम के सखा सुग्रीव के मंदिर बनाए पर भी सहमति
श्रीरामजन्म भूमि परिसर में माता सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध कर वीरगति को प्राप्त करने वाले जटायु राज का स्थान कुबेर टीला पहले ही तय कर दिया गया था। वहीं महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वाल्मीकि, निषादराज एवं माता शबरी के लिए स्थान नियत कर दिया गया है। यह स्थान कुबेर टीला के पूरब में तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र के निकट बनेगा। रामलला के दर्शन के बाद जब दर्शनार्थी सुविधा केंद्र में अपने सामानों को वापस लेने के लिए वापस आएंगे तो इनका दर्शन भी पा सकेंगे।  इसके साथ बोर्ड आफ ट्रस्टीज की सहमति के आधार पर भगवान राम के सखा व किष्किंधा नरेश महाराज सुग्रीव के मंदिर निर्माण पर मुहर लग गयी है। फिर भी इनके स्थान को लेकर दुविधा बनी है। इस बैठक में तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय नहीं शामिल हुए। वहीं तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि, न्यासी डा. अनिल मिश्र, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, सीबीआरआई रुड़की के पूर्व निदेशक एके मित्तल, संघ के मुख्य अभियंता जगदीश आफले, एलएण्डटी के वीके मेहता, टीईसी के बीके शुक्ल व डिजाइन एसोसिएट नोएडा के आर कानीटकर सहित अन्य मौजूद रहे।

बैठक से पहले निर्माणाधीन मंदिर समेत दूसरी परियोजनाओं का निरीक्षण किया
भवन निर्माण समिति की बैठक पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होकर सायं सवा छह बजे तक चली। बैठक से पहले समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने तीर्थ क्षेत्र कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव  व निर्माण एजेंसियों के अधिकारियों के साथ पूरे परिसर का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर सहित सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति भी देखी। उन्होंने तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र और उसके आवागमन के मार्ग पर जाकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता के साथ कार्यदाई संस्थाओं की दिक्कतों की भी जानकारी ली। उन्होंने अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण की दिशा में प्रगति के प्रति भी अपनी जिज्ञासा व्यक्त की। निरीक्षण व बैठक के सम्बन्ध में डा.अनिल मिश्र ने सूत्र वाक्य में बताया कि सभी परियोजनाओं पर काम निर्धारित गति से चल रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार की बैठक के बाद निष्कर्ष की जानकारी दी जाएगी।

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