उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्री रामलला के ‘सूर्य तिलक’ के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बुधवार को यानी आज (17 अप्रैल) रामनवमी के दिन दोपहर के समय सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी और दर्पण व लेंस से जुड़े एक विस्तृत तंत्र द्वारा उनका ‘सूर्य तिलक’ किया जाएगा। अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में नए मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी होगी। इस प्रणाली का परीक्षण वैज्ञानिकों ने मंगलवार को किया। इसे ”सूर्य तिलक परियोजना” का नाम दिया गया है।

बताया जा रहा है कि मंदिर में होने वाले सभी कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण अयोध्या नगर निगम क्षेत्र में 100 स्थानों पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से किया जा रहा है। इस अवसर के लिए पूरे पवित्र शहर को सजाया और रोशन किया गया है। उत्सव का मुख्य आकर्षण बुधवार को सूर्य तिलक होगा जब सूर्य की किरणें राम लला के माथे पर पड़ेंगी। देवता का ‘सूर्य तिलक’ दर्पण और लेंस से जुड़े एक विस्तृत तंत्र द्वारा संभव बनाया गया है। मंगलवार को एक टीम ने इस सिस्टम का परीक्षण किया। सूर्य तिलक परियोजना का मूल उद्देश्य प्रत्येक श्री राम नवमी के दिन श्री राम की मूर्ति के माथे पर ‘तिलक’ लगाना है। परियोजना के तहत, श्री राम पर दोपहर के समय सूर्य की रोशनी भगवान राम के माथे पर लाई जाएगी।

मिली जानकारी के मुताबिक, रामनवमी के अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है और बुधवार सुबह 3:30 बजे राम मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अवसर पर दर्शन की अवधि बढ़ा दी है और कहा है कि इस दिन कोई विशेष दर्शन का आयोजन नहीं किया जाएगा। पहले के पास भी रद्द कर दिए गए हैं।

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी उत्सव के दौरान ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3:30 बजे से दर्शन जारी रहेंगे। सुबह 5 बजे रामलला की श्रृंगार आरती होगी। भगवान को भोग लगाते समय थोड़ी देर के लिए पर्दा लगा दिया जाएगा। दर्शन का क्रम रात 11 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद नियमानुसार भोग एवं शयन आरती होगी। रामनवमी पर शयन आरती के बाद मंदिर से बाहर निकलने पर प्रसाद मिलेगा। श्रद्धालुओं को अपना मोबाइल, जूते, चप्पल, बड़े बैग और प्रतिबंधित वस्तुएं मंदिर से दूर सुरक्षित रखने से दर्शन में सुविधा होगी। वीआईपी दर्शन पर रोक एक दिन बढ़ा दी गई है. अब 19 अप्रैल तक कोई वीआईपी दर्शन नहीं होंगे। सुग्रीव किले के नीचे, बिरला धर्मशाला के सामने, श्री राम जन्मभूमि प्रवेश द्वार पर, मंदिर ट्रस्ट द्वारा एक यात्री सेवा केंद्र स्थापित किया गया है, जिसमें जन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने से लेकर इलाज तक की व्यवस्था है।

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